भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक, 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का ऐलान हो चुका है। इस साल समारोह में कई दिग्गजों को सम्मानित किया गया। मलयालम सिनेमा के महानायक मोहनलाल को भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया। इसके साथ ही, बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख खान और प्रतिभाशाली अभिनेता विक्रांत मैसी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला।

मुंबई, महाराष्ट्र: 22 सितंबर 2025 को भारत के सिनेमाई इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया, जब 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हुई। यह समारोह भारतीय सिनेमा के विभिन्न पहलुओं को मान्यता देता है और हर साल कला के सबसे बेहतरीन कामों को सम्मानित करता है। इस बार, यह सम्मान मलयालम सिनेमा के दिग्गज मोहनलाल को मिला, जिन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया।
मोहनलाल: एक महान विरासत दशकों से अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाले मोहनलाल का योगदान भारतीय सिनेमा के लिए अतुलनीय है। उन्होंने न केवल मलयालम सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि अपने शानदार किरदारों से हर भाषा के दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। उनके इस योगदान को देखते हुए, उन्हें दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देना भारतीय सिनेमा के लिए एक गौरव का क्षण है।
शाहरुख खान और विक्रांत मैसी का सम्मान इस साल के राष्ट्रीय पुरस्कारों में सबसे ज़्यादा चर्चा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार की रही, जिसे दो बेहद प्रतिभाशाली कलाकारों ने साझा किया। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को उनकी फ़िल्मों में बेजोड़ प्रदर्शन के लिए यह सम्मान मिला। शाहरुख खान ने पिछले कुछ सालों में अलग-अलग तरह के किरदार निभाकर अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया है, और यह पुरस्कार उनके करियर में एक और बड़ी उपलब्धि है।
दूसरी ओर, दक्षिण भारतीय सिनेमा के उभरते कलाकार विक्रांत मैसी ने भी इस सम्मान को अपने नाम किया। विक्रांत अपनी शानदार अदाकारी और प्रभावशाली किरदारों के लिए जाने जाते हैं। यह पुरस्कार यह साबित करता है कि भारतीय सिनेमा अब सिर्फ़ बड़े नामों पर निर्भर नहीं है, बल्कि प्रतिभा को भी पूरा सम्मान देता है।
राष्ट्रीय पुरस्कारों का महत्व राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय सिनेमा में सबसे प्रतिष्ठित माने जाते हैं क्योंकि ये सरकार द्वारा दिए जाते हैं और सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस सफलता के आधार पर नहीं, बल्कि कलात्मक उत्कृष्टता और तकनीकी दक्षता के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार न केवल कलाकारों और तकनीशियनों को प्रोत्साहित करता है, बल्कि भारतीय सिनेमा के सांस्कृतिक और कलात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह समारोह भारतीय सिनेमा को एक राष्ट्रीय पहचान देता है।
संवाददाता: आयुष गुप्ता, कानपुर (मोबाइल: 9450316232)
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