सक्सेस स्टोरी: NEET Topper उत्कर्ष अवधिया का ‘गोल्डन रूल’, जिसने पूरा किया दो पीढ़ियों का डॉक्टर बनने का सपना

By
On:
Follow Us

इंदौर (मध्यप्रदेश)। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के निवासी उत्कर्ष अवधिया ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2025) में अखिल भारतीय रैंक (AIR 2) हासिल करके न केवल प्रदेश का मान बढ़ाया है, बल्कि अपने परिवार में पहले डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया है। उनकी यह सफलता उनके दादा और पिता की अधूरी ख्वाहिश को भी पूरी करती है। उत्कर्ष की यह कहानी साबित करती है कि कठिन मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य के प्रति समर्पण ही सबसे बड़े और ‘टफ’ एग्जाम को क्रैक करने का गोल्डन रूल है।

MP Jankranti News को मिली जानकारी के अनुसार, उत्कर्ष अवधिया अपने परिवार में मेडिकल क्षेत्र में कदम रखने वाले पहले सदस्य होंगे।


Quick Highlights

  • टॉपर: इंदौर के उत्कर्ष अवधिया ने NEET UG 2025 में ऑल इंडिया रैंक 2 (AIR 2) हासिल की।
  • पर्सेंटाइल: उत्कर्ष ने 99.9999095 पर्सेंटाइल प्राप्त किए।
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि: उत्कर्ष अपने परिवार में पहले डॉक्टर होंगे, उन्होंने दादा और पिता का सपना पूरा किया।
  • सफलता का मंत्र: उनकी सफलता को मेहनत और अनुशासन का प्रमाण माना जा रहा है।
  • रैंक का अंतर: वह टॉपर महेश कुमार से केवल अंकों के मामूली अंतर से चूक गए, जिन्होंने 99.9999547 पर्सेंटाइल प्राप्त किए।

नीट यूजी 2025 में शानदार प्रदर्शन: दो पीढ़ियों का सपना हुआ साकार

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) को दुनिया के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक गिना जाता है, जिसमें हर साल लाखों छात्र मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए हिस्सा लेते हैं। इंदौर के उत्कर्ष अवधिया ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 99.9999095 पर्सेंटाइल के साथ न केवल शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि अखिल भारतीय रैंक 2 पर कब्जा जमाया।

उत्कर्ष के परिणाम ने मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। हालांकि, वह नीट टॉपर महेश कुमार से केवल मामूली अंतर से चूक गए। टॉपर महेश कुमार ने 99.9999547 पर्सेंटाइल हासिल किए। दोनों छात्रों ने 99.99 पर्सेंटाइल की सीमा को पार किया, लेकिन अंकों में यह सूक्ष्म अंतर ही रैंक का निर्णायक कारक बना।

Also Read: घर बैठे मोबाइल से कमाएँ Free Amazon, Spotify Gift Cards!

दादा और पिता की अधूरी ख्वाहिश

उत्कर्ष अवधिया की सफलता का महत्व सिर्फ परीक्षा में टॉप करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार की दो पीढ़ियों के डॉक्टर बनने के सपने को साकार करती है। कॉलेज सूत्रों और उत्कर्ष के नजदीकी लोगों ने बताया कि उत्कर्ष के दादा और पिता दोनों की यह गहरी ख्वाहिश थी कि परिवार का कोई सदस्य चिकित्सा के क्षेत्र में जाकर जन सेवा करे। उत्कर्ष ने अपने समर्पण और मेहनत से यह सपना पूरा किया है और वह अब अपने परिवार में पहले डॉक्टर होंगे।

सफलता का ‘गोल्डन रूल’: मेहनत और अनुशासन

लाखों छात्रों के बीच टॉप पर जगह बनाने के लिए उत्कर्ष ने जिस मेहनत और अनुशासन का परिचय दिया, वही उनकी सफलता की कुंजी बनी। उनकी सफलता की कहानी यह साबित करती है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं जैसे जटिल और प्रतिस्पर्धी माहौल में केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि नियमित अध्ययन, सटीक रणनीति और आत्म-अनुशासन ही सफलता की चाबी हैं।

उत्कर्ष अवधिया की यह उपलब्धि न केवल इंदौर के छात्रों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मध्य प्रदेश के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की कठिन परीक्षाओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

(फोटो सोर्स- ANI)

#MPJankrantiNews #Jankranti #जनक्रांति #NEETTopper #UtkarshAvadhiya #AIR2 #Indore SuccessStory

👉 ताज़ा अपडेट और स्थानीय खबरों के लिए जुड़े रहें MP Jankranti News के साथ।

Jankranti

MP Jankranti News — मध्यप्रदेश की 7.33 करोड़ जनता की आवाज़। बिना भेदभाव के खबरें, समस्याएं और समाधान सीधे आप तक।

For Feedback - newsmpjankranti@gmail.com

Related News

Leave a Comment