हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है. यह लगभग हर प्रकार के पेड़ पौधो की खेती की जाती है. ऐसे में किसान पारम्परिक फसलों की खेती कर रहे है. इसी में से एक है सफेदा की खेती इसे नीलगिरि की खेती के नाम से जाना जाता है. तो आइये जानते है नीलगिरि की खेती के बारे में…
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नीलगिरि के पेड़ लगाने मिटटी
नीलगिरि की खेती के लिए मिटटी की अगर बात करे तो इसमें जैविक तत्वों से भरपूर दोमट मिट्टी में इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है। नीलगिरि के पौधे लगाने का समय जून से अक्टूबर तक का होता है। नर्सरी में इसके पौधे 10 रु में आसानी से मिल जाते है.
नीलगिरि के पेड़ लगाने के बारे में
नीलगिरि के पौधे लगाने के लिए सबसे पहले 6-6 फिट की दुरी पर 1 x 1 फिट लम्बा चौड़ा और 3 फिट गहरा गद्दा खोद ले गड्डे में फिर गोबर खाद डाल कर इसका पौधा लगा ले. बता दे की कुछ साल इसके पेड़ो को सिचाई की आव्सय्कता होती है, उसके बाद नहीं होती है. इसके पेड़ 40 फिट तक उचे हो सकते है. यह पांच साल में तैयार हो जतरे है.
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नीलगिरि की खेती से कमाई
नीलगिरि की खेती से कमाई की अगर हम बात करे तो इसकी लकड़ी पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड बनाने में काम में आती है.और बाजार में इसकी लकड़ी 7 रु किलो तक बिकती है. जिससे की लाखो रु की कमाई की जा सकती है.