चंदौली जिले में पशुपालन विभाग द्वारा पिछड़े वर्ग की विधवाओं, तलाकशुदा और गरीब महिलाओं के लिए पिछवाड़े मुर्गी पालन योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत इन महिलाओं को मुर्गी के चूजे मुफ्त में दिए जाने की योजना है. इतना ही नहीं, बकरी पालन और भेड़ पालन करने वालों को भी 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी.
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पिछवाड़े मुर्गी पालन योजना: महिलाओं को मिलेगा सहारा
पशुपालन विभाग की इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि पिछवाड़े मुर्गी पालन योजना में अनुसूचित जाति की विधवाओं, तलाकशुदा और गरीब महिलाओं को 50 मुर्गी के चूजे दिए जाएंगे. इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी और अंडों से होने वाली आमदनी से वे अपना खर्च चला सकेंगी.
सब्सिडी मिलेगी बकरी पालन और भेड़ पालन पर भी
बकरी पालन और भेड़ पालन करने वाले लाभार्थियों का भी चयन किया जाएगा. इस योजना में राज्य सरकार द्वारा 90 प्रतिशत का निवेश किया जाएगा और लाभार्थी को मात्र 10 प्रतिशत का ही खर्च उठाना होगा. पशुओं की नस्ल सुधार के लिए भेड़ पालकों को भेड़ें उपलब्ध कराने की योजना का भी लाभ उठाया जा सकता है. इसके लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करना होगा.
मुर्गियों के रखरखाव में भी कम खर्च
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि पिछवाड़े में पाले जाने वाली मुर्गियों के दाने का खर्च भी ज्यादा नहीं है. खुले में पालने पर आधे से भी कम खाने की जरूरत पड़ती है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये बाहर घास चरती हैं और फसल अवशेषों को खाकर अपना पेट भर लेती हैं. साथ ही, फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी खाकर फसलों की रक्षा करती हैं.
पशुओं का मुफ्त टीकाकरण 15 जुलाई से
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 15 जुलाई से खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी) से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. सभी पशुपालक अपने 4 माह से अधिक उम्र के गाय-बैल और भैंस (गर्भवती 8 माह की गायों को छोड़कर) का टीकाकरण करवाएं. यह टीकाकरण पूरी तरह से निशुल्क है. फिलहाल, गैल्संघोटू (HS) का टीकाकरण किया जा रहा है.