आज हम बात कर रहे है पेंशन फ्रूट की खेती के बारे में बात कर रहे है। जिससे की किसान लाखो का मुनाफा को कमा रहे है और पेंशन फ्रूट का हिंदी नाम कृष्ण कमल फल भी कहा जाता है। अगर आप भी कम समय और कम लागत में खेती कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो आपके लिए इस फल की खेती बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आइये जानते है इसकी खेती के बारे में विस्तार से।
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पैशन फ्रूट की विशेष बाते
आपको बता दे की यह फल हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। और ब्राजीलियन पैशन फ्रूट का जूस मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों के लिए लाभकारी है। इसके फलों की वजन कम करने में सहयता करता है। जिससे इसे बाजार में अच्छे भाव पर बेचा जा सकता है।और अब तो हमारे भारत में खेती होने लगी है किसान भाई अब इसे बड़े पैमाने पर कर सकेंगे। और इसके विभिन्न प्रजातियों में से पीला और बैंगनी रंग का फल प्रमुख तौर पर पाया जाता है। पीले, बैंगनी, लाल या काले रंग का यह फल आकार में गोल या अंडाकार होता है, जो बाहर से सख्त और चिकना होता है। बता दे की इसका छिलका पीला, सख्त और मोटा होता है। इसके बीज भूरे रंग के होते हैं और गूदा अम्लीय और खुशबूदार होता है। और इसका छिलका बैंगनी रंग का होता है और बीज काले रंग के। पीले या बैंगनी रंग के इस फल को ‘फलों का राजा’, और ‘मरकुजा’, लव फ्रूट’ और ‘फ्रूट लवर’ भी कहा जाता है
कहाँ की जाती है इसकी खेती
आपको बता दे की कृष्ण फल मुख्य रूप से भारत और ब्राजील में देखने को मिलता है। और यहाँ इनकी खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत में, यह महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में उगाया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर वर्तमान में इसकी सबसे अधिक मात्रा का उत्पादन कर रहा है। इस फल को पूर्वोत्तर राज्यों में भी बहुत पसंद किया जाता है। यही कारण है कि इसका उपयोग फलों के अलावा कई तरीकों से किया जाता है। इस पौधे की पत्तियों को भी बड़ी मात्रा में खाया जाता है। जो की सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है।
पैशन फ्रूट की खेती के लिए उचित मिट्टी और जलवायु
अगर हम इसकी खेती करने के बारे में बात सोच रहे है तो आपको बता दे की जुलाई में इसकी बुआई के बाद ठंड शुरु होने के आस-पास तक फल निकलने शुरू हो जाते है। और पैशन फ्रूट की खेती मुख्य रूप से पहाड़ी इलाको में की जाती है। इस पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है। इसलिए इसे कम पानी वाली जगहों पर भी उगाया जा सकता है।सभी प्रकार की मिट्टी इसकी खेती के लिए उचित मानी जाती है। लेकिन इसके लिए सबसे उपयुक्त रेतीली मिट्टी है।
ऐसे करे पैशन फ्रूट की खेती
आपको बता दे की इस फल के पौधे को बीज के जरिए उगाए जाते और पैशन फ्रूट के पौधे में फल लगने में 10 से 12 महीने तक का समय लग सकता है। और जब यह फल कच्चा होता है तब इस कच्चा पैशन फ्रूट हरा रंग का होता है। जब इसका हरा रंग पीला, बैंगनी या लाल हो जाए, तो यह पूरी तरह से पक जाता है तब इसे खाने योग्य माना जा सकता है। आमतौर पर, फूल लगने के 70 से 80 दिनों में इसका फल खाने योग्य तैयार हो जाता है और यह कृष्णा फल एक सीजनल फ्रूट है। इसके पौधों में फूल लगने के दो बार लगते हैं, पहला मई से जून के बीच और दूसरा सितंबर से अक्टूबर के बीच का। जो आमतौर पर जलवायु की स्थिति पर निर्भर करते हैं इस वजह से इसे सीजन फल माना जा सकता है।
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पैशन फ्रूट की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा
अगर हम पैशन फ्रूट की खेती से होने वाले मुनाफे के बारे में बात की जाये तो आपको बता दे की एक बीघा में लगभग 250 पौधे लगाए जा सकते हैं। और इसके पौधे की तो बाजार में पैशन फ्रूट के 1 पौधे की कीमत लगभग 80 से 150 रुपये तक होती है। इस फल की उपज 1 बीघा में लगभग 25 क्विंटल होती है। पैशन फ्रूट आमतौर पर 150 रुपये से 180 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बेचा जाता है। इसके अनुसार अगर एक एकड़ में पैशन फ्रूट की खेती की जाए तो किसान लाखों रुपये की मोटी कमाई कर सकते है।