नशे से देश को बर्बाद करने की साज़िश — 100 करोड़ का ‘देशद्रोही गिरोह’ पकड़ा गया, मास्टरमाइंड फरार

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राष्ट्रीय डेस्क | नई दिल्ली

देश की सुरक्षा, बच्चों के स्वास्थ्य और दवा कानूनों को धता बताते हुए संचालित हो रहा 100 करोड़ रुपए से अधिक का कफ सिरप सिंडिकेट उजागर हो गया है। यूपी एसटीएफ ने बड़े ऑपरेशन में अवैध कोडीन युक्त Phensedyl सिरप तस्करी के अहम आरोपी अमित सिंह ‘टाटा’ को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस पूरे नेक्सस का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल दुबई भाग चुका है और वहीं बैठकर तस्करी के नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है।

यह वही मामला है जिसे लेकर National Dastak ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें कहा गया—
“कफ सिरप माफिया बच्चों को मारकर 100 करोड़ कमाते हैं।”
और इस पूरे गैंग का असली “आका” अभी भी आज़ाद घूम रहा है और पत्रकार रोहिणी सिंह को धमकियाँ दे रहा है।

यह पूरा ऑपरेशन न सिर्फ अवैध दवाओं की तस्करी है, बल्कि—
दवा कानून, राजस्व कानून, स्वास्थ्य कानून, सीमा सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों—सभी की धज्जियाँ उड़ाने वाला संगठित अपराध है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के खिलाफ अपराध यानी दे-फैक्टो देशद्रोह के दायरे में आता है।

दुबई से संचालित हो रहा था अंतरराज्यीय–अंतरराष्ट्रीय माफिया नेटवर्क

पूछताछ में खुलासा हुआ कि किंगपिन शुभम जायसवाल—

  • परिवार व साथियों को लेकर दुबई भाग चुका है,
  • वहीं से FaceTime के जरिए नेटवर्क चला रहा है,
  • झारखंड–बिहार–उत्तर प्रदेश–दिल्ली–बांग्लादेश तक तस्करी की चेन स्वयं मॉनिटर करता है।

यह नेटवर्क—

  • फर्जी फर्म,
  • फर्जी बिलिंग,
  • फर्जी ई-वे बिल,
  • फर्जी स्टॉकिस्ट,
  • और एबॉट कंपनी से मिलीभगत

के जरिए करोड़ों की कफ सिरप बाहर भेजता था।

कंपनी स्तर पर फर्जीवाड़ा—एबॉट के अधिकारियों तक पर शकजांच में सामने आया कि—

✔ एबॉट कंपनी ने फर्जीवाड़े, अवैध स्टॉक और तस्करी के चलते पहले ही Phensedyl का उत्पादन बंद कर दिया था।
✔ लेकिन शुभम जायसवाल के पास कंपनी की 5 में से 2 सुपर स्टॉकिस्ट फर्में थीं।
✔ कुछ कंपनी अधिकारी भी संबद्ध पाए गए हैं।

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार—
“जांच दवा कंपनी के बड़े अधिकारियों तक पहुँचेगी।”

अमित सिंह ‘टाटा’—अवैध दवा तस्करी से उभरता बाहुबली

जौनपुर का रहने वाला अमित सिंह टाटा

  • पूर्वांचल के एक बड़े बाहुबली नेता का करीबी,
  • करोड़ों का काला धन बनाने वाला,
  • और अब ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।

यानी ड्रग माफिया की कमाई को राजनीतिक शक्ति में बदलने का प्रयास

उसके खिलाफ—

  • हत्या के प्रयास
  • आर्म्स एक्ट
  • धोखाधड़ी
  • और अब ड्रग तस्करी

मिलाकर कुल सात FIR दर्ज हैं।

उसकी फॉर्च्यूनर गाड़ी का नंबर “9777” उस कथित बाहुबली के काफिले में भी आमतौर पर उपयोग होता है।
यह कनेक्शन अब जांच के केंद्र में है।

कैसे बना यह 100 करोड़ का माफिया नेटवर्क?

पूछताछ में सामने आया—

  • शुभम जायसवाल ने झारखंड और रांची में फर्जी फर्में खुलवाईं
  • फेंसिडिल को नकली बिलों पर पश्चिम बंगाल–बांग्लादेश भेजा
  • नकद में भुगतान लिया
  • करोड़ों मूल्य की अवैध सप्लाई की
  • ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, ड्रग अधिकारी, नेता—सभी शामिल

यह पूरा नेटवर्क—

👉 नशे से बच्चों और युवाओं को बर्बाद कर रहा था
👉 भारत के कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा था
👉 विदेशी जमीन से भारत में तस्करी चलाना राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती है

STF की रिपोर्ट: 50 से अधिक लोग रडार पर

जांच में अब तक सामने आए नाम—

  • माफिया
  • व्यापारी
  • ट्रांसपोर्टर
  • कई “सफेदपोश”
  • ड्रग विभाग के पूर्व अधिकारी
  • बड़ी कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव

कुल मिलाकर 50 से अधिक संदिग्धों की सूची तैयार है।

सवाल गंभीर हैं—क्या यह देशद्रोह नहीं?

केंद्र की एजेंसियों के अनुसार—

  • बच्चों और युवाओं को नशे के जाल में धकेलना
  • अवैध निर्यात से विदेशी माफियाओं से नाते जोड़ना
  • वित्तीय तंत्र को नुकसान पहुंचाना
  • दवा कंपनियों और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत

सिर्फ कानून तोड़ने का मामला नहीं, बल्कि—
“भारत की स्वास्थ्य सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर सीधा हमला” है।

यह अपराध—

✔ NDPS Act

✔ Drugs & Cosmetics Act

✔ GST और फर्जी बिलिंग एक्ट

✔ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA)

✔ कॉर्पोरेट फ्रॉड

✔ अंतरराष्ट्रीय तस्करी

और विशेषज्ञों के अनुसार आर्थिक देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

पत्रकार रोहिणी सिंह को धमकी—कौन है असली आका?

National Dastak की रिपोर्ट में कहा गया—

“इसका आका अभी भी घूम रहा है और पत्रकार रोहिणी सिंह को धमका रहा है।”

यह बेहद गंभीर संकेत है कि—

  • यह नेटवर्क न सिर्फ दवा तस्करी करता है
  • बल्कि पत्रकार, व्हिसल ब्लोअर और गवाहों को धमकाता भी है

यह संगठित अपराध का क्लासिक पैटर्न है।

अब आगे क्या?

एजेंसियों के अनुसार—

  • PMLA के तहत ED शामिल हो सकती है
  • INTERPOL से संपर्क कर शुभम जायसवाल पर LOC जारी हो सकता है
  • राजस्व और दवा विभाग के कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी
  • नेताओं–माफियाओं की सांठगांठ का खुलासा होना तय

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