मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में रविवार (7 सितंबर, 2025) को एक ऑयल कंपनी में जहरीली गैस रिसाव से तीन कर्मचारियों की संदिग्ध मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब कर्मचारी रोजाना की तरह रासायनिक टैंक की सफाई कर रहे थे। अचानक जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे तीनों मजदूर बेहोश हो गए और बाद में अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है।
धार/इंदौर। मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक भीषण औद्योगिक हादसा हुआ है। श्री ऑयल कंपनी, सेक्टर-3 (थाना बगदून क्षेत्र) में जहरीली गैस के रिसाव से तीन मजदूरों की मौत हो गई। मृतक मजदूरों के शव को इंदौर के एमवाय अस्पताल ले जाया गया है। हैरानी की बात यह है कि इस हादसे की सूचना कई घंटों बाद पुलिस को दी गई। धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
यह हादसा पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी को उजागर करता है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कंपनियों की लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।
क्या है पूरा मामला?
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र मध्य प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है, जहां सैकड़ों केमिकल और ऑयल प्लांट स्थित हैं। श्री ऑयल कंपनी एक केमिकल प्रोसेसिंग यूनिट है, जहां रासायनिक उत्पादन और भंडारण का काम होता है। ऐसी फैक्ट्रियों में जहरीली गैसों के रिसाव का खतरा हमेशा बना रहता है, और सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होता है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसा तब हुआ जब मजदूर रासायनिक टैंकों की सफाई या मरम्मत का काम कर रहे थे। अचानक जहरीली गैस के रिसाव ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। मृतक मजदूरों के नाम सुशील, दीपक और जगदीश बताए जा रहे हैं।
Official Statement: पुलिस और प्रशासन का बयान
इस मामले पर धार एसपी मनोज कुमार सिंह ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, “हमें घटना की सूचना मिलते ही तुरंत जांच शुरू कर दी है। मृतक मजदूरों के परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। कंपनी प्रबंधन की लापरवाही की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पीथमपुर औद्योगिक प्राधिकरण की ओर से एक बयान जारी करते हुए कहा गया, “हम इस दुर्घटना से अवगत हैं और मामले की गहन जांच कर रहे हैं। औद्योगिक सुरक्षा मानकों के उल्लंघन पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
विशेषज्ञ की राय और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
औद्योगिक सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हादसे कॉर्पोरेट लापरवाही (corporate negligence) और सरकारी एजेंसियों की ढिलाई का नतीजा हैं। एक औद्योगिक सुरक्षा सलाहकार ने बताया, “रासायनिक टैंकों की सफाई एक बेहद जोखिम भरा काम है। इसे करने से पहले ऑक्सीजन लेवल की जांच, वेंटिलेशन और विशेष सुरक्षा उपकरणों (जैसे मास्क, सूट) का उपयोग अनिवार्य है। अगर ये सुरक्षा नियम लागू होते तो यह हादसा टाला जा सकता था।”
आम जनता और मजदूर संगठनों ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने न्याय की मांग करते हुए लिखा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। एक trade union leader ने कहा, “पीथमपुर में यह कोई पहली घटना नहीं है। कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन और संबंधित अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं। अब समय आ गया है कि सरकार इस मामले पर सख्त कदम उठाए।”
सुरक्षा नियमों का पालन ही एकमात्र समाधान
पीथमपुर में हुआ यह हादसा एक दुखद चेतावनी है कि औद्योगिक सुरक्षा नियमों को गंभीरता से लिया जाना कितना आवश्यक है। यह घटना न केवल तीन परिवारों के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह उन सभी श्रमिकों के लिए एक बड़ा खतरा है जो ऐसे असुरक्षित माहौल में काम करने को मजबूर हैं। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे केवल जांच के आदेश न दें, बल्कि दोषी कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त official statement जारी कर कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। श्रमिकों की जान की कीमत किसी भी आर्थिक लाभ से कहीं अधिक है।

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