भारत सरकार ने 1 अगस्त 2025 से ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (पीएम-वीबीआरवाई) लागू करने की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार पैदा करना है। यह योजना विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देती है और पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को भी सीधे वित्तीय लाभ प्रदान करती है। इस योजना का कुल परिव्यय ₹99,446 करोड़ है।
इंदौर में ‘पीएम विकसित भारत रोजगार योजना’ का असर: क्यों है यह युवाओं के लिए बड़ा मौका
इंदौर, मध्य प्रदेश – 17 जुलाई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में स्वीकृत रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन (ELI) योजना अब “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई)” के रूप में 1 अगस्त 2025 से लागू होने जा रही है। इंदौर, जो देश की वाणिज्यिक राजधानी और स्टार्टअप हब के रूप में तेजी से उभर रहा है, इस योजना से सबसे ज्यादा लाभान्वित होने वाले शहरों में से एक होगा। इस योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों में देशभर में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार पैदा करना है, जिनमें से 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी पाने वाले युवा होंगे।
यह योजना भारत के रोजगार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाली है। यह न केवल नियोक्ताओं को नई भर्तियां करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि सीधे तौर पर नौकरी पाने वाले युवाओं की भी आर्थिक मदद करेगी। इंदौर में स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं, “इंदौर का औद्योगिक और आईटी सेक्टर इस योजना से बहुत लाभ उठाएगा। पीएम विकसित भारत रोजगार योजना के तहत नियोक्ताओं को मिलने वाले प्रोत्साहन से छोटे और मध्यम उद्योग (SMEs) भी नई भर्तियां करने में हिचकिचाएंगे नहीं, जिससे स्थानीय रोजगार में जबरदस्त उछाल आएगा।”
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश 9 लाख आय वालों के लिए PM आवास योजना 2025 में 1.8 लाख सब्सिडी पाएं, ऐसे करें आवेदन।
योजना के दो मुख्य भाग: युवाओं और नियोक्ताओं दोनों को लाभ
यह योजना दो हिस्सों में काम करेगी:
भाग ए: पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए सीधा लाभ इस भाग के तहत, जो कर्मचारी पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत होंगे, उन्हें दो किस्तों में ₹15,000 तक का ईपीएफ वेतन दिया जाएगा। पहला हिस्सा 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरा 12 महीने बाद मिलेगा। इस योजना से ₹1 लाख तक का मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारी पात्र होंगे। इस हिस्से का उद्देश्य युवाओं को वित्तीय साक्षरता और बचत की आदत डालना भी है। इंदौर के कई युवा, जो हाल ही में कॉलेज से निकले हैं, इस योजना से उत्साहित हैं।
भाग बी: नियोक्ताओं को मिलेगी आर्थिक मदद यह भाग विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा। सरकार नियोक्ताओं को हर नए कर्मचारी के लिए दो साल तक प्रति माह ₹3000 तक का प्रोत्साहन देगी। यह प्रोत्साहन कर्मचारी के ईपीएफ वेतन स्लैब के आधार पर दिया जाएगा। 50 से कम कर्मचारियों वाले छोटे प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नए कर्मचारी और 50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को पांच नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
इंदौर के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक कपड़ा निर्माता, श्री रमेश यादव बताते हैं, “यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है। नई भर्तियां करने में लागत एक बड़ा फैक्टर होती है। सरकार से मिलने वाली यह मदद हमें और भी लोगों को नौकरी देने के लिए प्रेरित करेगी। हमारे जैसे कई छोटे उद्योग इस योजना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
इंदौर के लिए विशेष अवसर और जमीनी रिपोर्ट
इंदौर में पिछले कुछ वर्षों में आईटी, टेक्सटाइल, फार्मा और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है। इस योजना के लागू होने से इन क्षेत्रों में और भी अधिक नौकरियां पैदा होंगी। स्थानीय प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने राज्य सरकार के साथ मिलकर पीएम-वीबीआरवाई के क्रियान्वयन के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। हमारा लक्ष्य है कि इंदौर को इस योजना का अधिकतम लाभ मिले और अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके।”
शहर के कई जॉब कंसल्टेंट और प्लेसमेंट एजेंसियां भी इस योजना को लेकर सकारात्मक हैं। एक प्रसिद्ध प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक, श्री विकास जैन कहते हैं, “हमारे पास पिछले कुछ महीनों में उद्योगों से नई भर्तियों के लिए पूछताछ बढ़ी है, खासकर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों से। पीएम-वीबीआरवाई का लागू होना इस ट्रेंड को और गति देगा।”
यह भी पढ़ें: Valmo Delivery Agency: छोटे शहरों में ₹1.5 लाख में शुरू करें अपना बिज़नेस, पाएं ₹1 लाख तक की मासिक कमाई!
सुरक्षा और पारदर्शिता: डीबीटी के माध्यम से सीधे भुगतान
सरकार ने इस योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित रखा है। कर्मचारियों को लाभ सीधे उनके बैंक खातों में आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) के माध्यम से मिलेगा। नियोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि उनके पैन से जुड़े खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
सावधान रहें: किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति या एजेंसी को इस योजना के नाम पर कोई भी शुल्क न दें। यह योजना पूरी तरह से निःशुल्क है। किसी भी तरह की धोखाधड़ी की रिपोर्ट तुरंत सरकारी अधिकारियों को दें।
पीएम-वीबीआरवाई से जुड़ी अहम जानकारी
योजना कब तक चलेगी? यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगारों पर लागू होगी।
योजना में निवेश कितना है? इस योजना के लिए ₹99,446 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
क्या यह योजना सभी क्षेत्रों के लिए है? हाँ, यह योजना विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगी।
FAQ
Q1: ‘पीएम-वीबीआरवाई’ का मुख्य उद्देश्य क्या है? A: इस योजना का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा करने के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना और युवाओं को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
Q2: इस योजना से किसे लाभ मिलेगा? A: इस योजना से दो तरह के लाभार्थी हैं: पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारी और वे नियोक्ता जो नए रोजगार सृजित करते हैं।
Q3: क्या इस योजना के तहत कोई शुल्क लिया जाता है? A: नहीं, इस सरकारी योजना के लिए किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
Q4: इंदौर में इस योजना का क्या असर होगा? A: इंदौर के तेजी से बढ़ते औद्योगिक और आईटी क्षेत्र में इस योजना से हजारों नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है, खासकर छोटे और मध्यम उद्योगों में।

- MP Jankranti News Website: www.mpjankrantinews.in
- Follow MP Jankranti News: Twitter | Facebook | Instagram
- अपने व्हाट्सएप नंबर पर मध्यप्रदेश की भर्तियों स्कूल कॉलेज, सरकारी विभागों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे दिए दी गई लिंक से व्हाट्सएप पर जुड़े Telegram और WhatsApp चैनल से जुड़ें!