Poultry Feed Business: पोल्ट्री फीड बनाने का व्यवसाय एक लाभदायक और तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है। भारत में मुर्गी पालन का बढ़ता चलन इस व्यवसाय को और अधिक आकर्षक बना रहा है। चूंकि मुर्गी दाना मुर्गी पालकों के कुल खर्च का एक बड़ा हिस्सा होता है, इसलिए इस व्यवसाय में काफी संभावनाएं हैं। मुर्गी पालन में पोल्ट्री फीड का महत्व अत्यधिक है और यह कुल खर्च का एक बड़ा हिस्सा होता है। और मुर्गी पालकों के कुल खर्च का करीब 60 फीसदी खर्च पोल्ट्री फीड पर भी होता है. पोल्ट्री फीड बनाकर बेचना आज बहुत अच्छा व्यवसाय बन गया है. तो आइये जानते इसके बारे में. ..
Table of Contents
मुर्गियों के लिए फीड के प्रकार
- स्टार्टर फीड: चूजों के लिए।
- ग्रोअर फीड: बढ़ते हुए मुर्गों के लिए।
- लेयर फीड: अंडे देने वाली मुर्गियों के लिए।
ऐसे शुरू करें बिजनेस
पोल्ट्री फीड बिजनेस शुरू करने के लिए 800-1000 वर्ग फीट जगह लगेंगी यह न्यूनतम जगह है। यदि आप बड़े पैमाने पर उत्पादन करना चाहते हैं तो आपको अधिक जगह की आवश्यकता होगी। जगह ऐसी होनी चाहिए जहां कच्चे माल आसानी से उपलब्ध हो, परिवहन सुविधाएं अच्छी हों और पर्याप्त पानी की सुविधा हो। इसमें कच्चे मॉल के तौर पर मक्का, बाजरा, गेहूं, सोयाबीन खली, सरसों की खली, चोकर,कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, डी, ई आदि की जरुरत होंगी।
मुर्गियों के लिए फीड मशीने
इस का वयवस्य करने के लिए मशीनों की जरुरत होती है. फीड बनाने के लिए आपको कुछ मशीनें चाहिए होंगे. ये मशीन किसी भी बड़े शहर में आसानी से मिल जाती हैं. इसके अलावा आप इन्हें ऑनलाइन इंडियामार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीद सकते हैं. मशीनों और अन्य खर्च मिलाकर आप यह बिजनेस 10 लाख रुपये में शुरू कर सकते हैं. इसके मार्केट में अच्छे डैम मिलते है. और इससे अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है.
यह भी पढ़े- PM Kisan Yojana 18th Kist: इस समय आएँगी किसान सम्मान निधि की 18 वी किस्त, इस तरह करे चेक
लाइसेंस और परमिट
- खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI): खाद्य उत्पादन के लिए लाइसेंस।
- पंचायत या नगर निगम: उद्योग लगाने के लिए अनुमति।
- पर्यावरण विभाग: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति (यदि आवश्यक हो)।