PMAY Scheme: सरकार अभी तक शहरी इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत सब्सिडी वाले होम लोन दे रही थी। इस योजना के तहत 18 लाख रुपये सालाना तक की कमाई वाले लोगों को 12 लाख रुपये तक का लोन मिलता था।
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अब सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए मिलने वाली होम लोन सब्सिडी का दायरा और राशि बढ़ाने जा रही है। आइए जानते हैं इस नए प्रस्ताव में क्या बदलाव होंगे:
नई योजना में क्या खास?
- अधिक लोगों को मिलेगा फायदा: अब सिर्फ वेतनभोगी कर्मचारियों (मजदूर या कुशल कारीगर) को ही नहीं, बल्कि शहरों में खुद का धंधा करने वाले (स्वरोजगार), दुकानदार, व्यापारी, पेशेवर जैसे लोगों को भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
- बढ़ेगा सब्सिडी का दायरा: अब सब्सिडी वाले लोन सिर्फ उधार लेने वाले की आमदनी के हिसाब से नहीं, बल्कि घर की कीमत और उसके आकार के आधार पर भी मिलेंगे। इसका मतलब है कि नई योजना में सब्सिडी के साथ मिलने वाले होम लोन की राशि काफी ज्यादा हो सकती है।
- बड़े घरों पर भी सब्सिडी: महानगरों और छोटे शहरों दोनों में, जिन घरों की कीमत 35 लाख रुपये तक है, उन पर 30 लाख रुपये तक का सब्सिडी वाला होम लोन मिल सकता है।
- कम ब्याज दरें: इन सब्सिडी वाले होम लोन्स पर ब्याज दरों में लगभग 4% की छूट मिलने की संभावना है।
- स्टांप शुल्क में रियायत: हो सकता है कि घर की रजिस्ट्री कराते वक्त लगने वाले स्टांप शुल्क में भी कुछ रियायत दी जाए।
इस योजना से किसे होगा फायदा?
- शहरों के गरीब: जो लोग किराए के मकानों, झुग्गियों, चॉलों या अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं।
- स्वरोजगार करने वाले लोग: छोटे कारोबारी, दुकानदार, कलाकार और शिल्पकार।
- मध्यम वर्ग: जो लोग अपना पहला घर खरीदना चाहते हैं।
लोन पर मिलने वाली ब्याज सब्सिडी
- पहले सीएलएसएस योजना के तहत लोन पर मिलने वाली ब्याज सब्सिडी 3% से 6.5% तक थी।
- इस योजना के तहत पिछले 5 सालों में, 25 लाख कम और मध्यम आय वाले घरों को बैंकों और एचएफसी द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
- जिसके चलते सरकार को सब्सिडी में 59,000 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा।
नई योजना में बड़ा बदलाव
- सूत्रों के अनुसार, सरकार शहरी गरीबों के लिए नई ब्याज सब्सिडी योजना के तहत 1 करोड़ घरों की खरीद या निर्माण पर सब्सिडी देने का लक्ष्य रख सकती है।