लखनऊ/सुल्तानपुर। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और निगरानी के लिए लगाए गए हाई-रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरों का दुरुपयोग कर ब्लैकमेलिंग करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। ATMS (एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार पर आरोप है कि वह निजी पलों को रिकॉर्ड कर लोगों को डराता था और उनसे पैसे वसूलता था। पीड़ितों ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुल्तानपुर के DM और SP से की है। शिकायत 2 दिसंबर को लिखित प्रमाणों के साथ दर्ज कराई गई।
नवविवाहित दंपत्ति का वीडियो बनाकर 32 हजार वसूले
शिकायत के अनुसार, 25 अक्टूबर को आजमगढ़ का एक नवविवाहित दंपत्ति लखनऊ जा रहा था। बल्दीराय थाना क्षेत्र में किमी 93 के पास कार रोकी गई। इसी दौरान मैनेजर ने सीसीटीवी फुटेज से उनके निजी पलों को रिकॉर्ड किया।
आरोप है कि वह मौके पर पहुंचकर दंपत्ति को वीडियो दिखाता रहा और धमकी दी कि रुपये न देने पर वीडियो वायरल कर देगा। दंपत्ति से 32,000 रुपये जबरन वसूले गए। बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया।
छह और पीड़ित सामने आए, महिलाओं के वीडियो भी रिकॉर्ड किए गए
शिकायत पत्र के अनुसार, मैनेजर आशुतोष सरकार केवल कपल ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों जैसे जरईकलां, हलियापुर और गौहनियां की महिलाओं को भी रिकॉर्ड करता था।
कई महिलाओं के वीडियो उसके पास मिलने का दावा किया गया है।
इसके अलावा, टोल प्लाजा के पास एक अन्य युवक और उसकी मित्र से 10,000 रुपये की वसूली की गई थी।
एक घटना में उसने पुलिसकर्मियों की वसूली का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और फिर उनसे 2,000 रुपये लिए।
कैमरों को जानबूझकर खेतों की ओर घुमाया गया
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि एक्सप्रेसवे के कैमरे असामान्य रूप से खेतों और गांवों की ओर फोकस पाए गए।
कंट्रोल रूम हलियापुर टोल प्लाजा से संचालित होता था और मैनेजर को सिस्टम की पूरी पहुंच थी।
इन्हीं कैमरों के जरिए वह लोगों की निजी गतिविधियों पर नजर रखता था।
प्रशासन ने जांच शुरू की, सख्त कार्रवाई के संकेत
यूपीडा के जेई प्रभात सिंह ने बताया कि मामला अत्यंत गंभीर है और जांच शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने कैमरों की दिशा, कंट्रोल रूम लॉग और फुटेज की भी जांच की है।
जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और आम लोगों की निजता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पीड़ितों का कहना है कि घटना का प्रभाव केवल सामाजिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी गहरा है। सभी ने मांग की है कि मामले की CBI स्तर पर जांच कराई जाए।

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