रतलाम, 20 सितंबर (मनीष भट्ट)। रतलाम जिले की जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत ईटावा खुर्द में भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पाँच महीने पहले रिश्वत लेते पकड़े गए सरपंच घनश्याम कुमावत को उनके पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) श्रृंगार श्रीवास्तव ने की है।
गौरतलब है कि 17 अप्रैल को लोकायुक्त की टीम ने सरपंच घनश्याम कुमावत को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई विनोद डाबी नामक एक ग्रामीण की शिकायत पर की गई थी, जिनकी माँ सुगनबाई को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहली किस्त जारी करवाने के लिए सरपंच ने रिश्वत की माँग की थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि सरपंच ने पहले 30,000 रुपये मांगे थे, लेकिन बाद में 20,000 रुपये पर राजी हो गए थे।
इस मामले में लोकायुक्त ने सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद, यह मामला मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 40 के तहत जिला पंचायत न्यायालय में रखा गया।
न्यायालय ने अपनी सुनवाई में सरपंच घनश्याम कुमावत को रिश्वतखोरी में लिप्त और दोषी पाया। आदेश में कहा गया कि कुमावत का लोकहित में सरपंच पद पर बने रहना अवांछनीय है। इसी आधार पर उन्हें अधिनियम की धारा 40 (1) (ख) के तहत सरपंच पद से पृथक कर दिया गया।
इस फैसले का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सरपंच घनश्याम कुमावत अब अगले छह साल तक किसी भी पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यह फैसला भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है।
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