रतलाम के ताल में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित, सरस्वती पूर्व छात्र परिषद ने शिक्षकों को किया सम्मानित

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मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित ताल शहर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। सरस्वती पूर्व छात्र परिषद ताल द्वारा आयोजित इस समारोह में शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों का सम्मान करना और शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन व गुणवत्ता लाने पर चर्चा करना था। कार्यक्रम में शिक्षा जगत से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए।

ताल, रतलाम। सरस्वती पूर्व छात्र परिषद, ताल द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर ताल के सभागार में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती मालवा प्रांत के प्रांत सह प्रमुख सुंदरलाल शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित दिलीप शर्मा ने की। इस अवसर पर 16 सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके शैक्षिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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रतलाम जिले के ताल शहर में आयोजित एक समारोह में शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

यह समारोह शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए आयोजित किया गया था। सरस्वती पूर्व छात्र परिषद एक ऐसा संगठन है जो सरस्वती शिशु मंदिर से शिक्षा प्राप्त छात्रों को एक मंच पर लाता है और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करता है।

मुख्य अतिथि सुंदरलाल शर्मा ने कहा, “शिक्षक, डॉक्टर और साधु के सामने व्यक्ति बिना संकोच अपने मन की बात कह सकता है। सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना 1952 में गोरखपुर में हुई थी और आज इसके छात्र विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पा रहे हैं।”

अध्यक्ष पंडित दिलीप शर्मा ने कहा, “शिक्षा में अनुशासन का महत्वपूर्ण स्थान है। अनुशासन की कमी के कारण शिक्षा के क्षेत्र में वांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।”

विशेष अतिथि राजेश परमार ने कहा, “शिक्षकों को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्शों को अपनाना चाहिए। इससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार आएगा।”

इस अवसर पर, सरस्वती पूर्व छात्र परिषद ने कई सेवानिवृत्त शिक्षकों और संस्था प्रमुखों को सम्मानित किया। इनमें मांगीलाल गेहलोत, कृष्ण सिंह सिसोदिया, इस्माइल शाह, लक्ष्मी नारायण व्यास, राधे श्याम बैरागी, सरफराज खान पठान, बाबूलाल सितपुरिया, शिव शक्ति शर्मा, इंदर सिंह सोलंकी, प्रकाश वर्मा, प्रताप नारायण दीक्षित, जुगल किशोर जायसवाल, मुन्नीलाल दिवाकर, रईस मोहम्मद खान, और सरस्वती धनौतिया प्रमुख थे।

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इस अवसर पर, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक और पत्रकार शिव शक्ति शर्मा ने अपनी स्वरचित काव्य संग्रह ‘सोच हो सागर सी’ की पुस्तकें सभी सम्मानित व्यक्तियों को भेंट की।

By मनीष भट्ट, रतलाम संवाददाता

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