रीवा। जिस पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, रीवा में आज उसी की साख गहरे संकट में है। यहाँ दो स्थानीय पत्रकार लेट खबर के राजीव तिवारी और Virat 24 News के संचालक रामानंद पांडेय एक-दूसरे पर ऐसे संगीन और शर्मनाक आरोप लगा रहे हैं, जिसने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। यह विवाद अब महज़ व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि पेशेवर नैतिकता पर एक बड़ा सवाल बन गया है।
Highlights
- रीवा में राजीव तिवारी (लेट खबर) और रामानंद पांडेय (Virat 24 News) के बीच गंभीर आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू।
- राजीव तिवारी ने रामानंद पांडेय पर महिलाओं से छेड़छाड़, नौकरी के नाम पर शारीरिक शोषण की कोशिश और ट्रक/ट्रैक्टर चोरी तक का आरोप लगाया।
- तिवारी का दावा है कि पांडेय पत्रकारिता की आड़ में ‘दरिंदगी’ कर रहा है और उनके पास पक्के सबूत हैं।
- रामानंद पांडेय ने भी पलटवार करते हुए राजीव तिवारी पर लड़कियों से छेड़छाड़ और दलाली में लिप्त होने का आरोप लगाया।
- इस विवाद से पत्रकारिता पर गंभीर सवाल उठे हैं और जनता में विश्वास का संकट गहरा गया है।
रीवा से यह खबर लिखते हुए बहुत दुख होता है कि आज पत्रकारिता मिशन और सच्चाई की राह से भटककर व्यक्तिगत स्वार्थ और दलाली की राजनीति में उलझ गई है। यह मामला सिर्फ दो लोगों का नहीं है, यह उस पूरे पेशे पर लगा धब्बा है, जिस पर जनता भरोसा करती है।
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राजीव तिवारी के चौंकाने वाले आरोप
लेट खबर के पत्रकार राजीव तिवारी ने Virat 24 News के संचालक रामानंद पांडेय पर जो आरोप लगाए हैं, वे बेहद गंभीर और चौंकाने वाले हैं। तिवारी का मुख्य दावा है कि पांडेय समाज सेवा और पत्रकारिता का चोला पहनकर लगातार अनैतिक काम कर रहे हैं।
तिवारी ने साफ़ तौर पर कहा है कि पांडेय महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और नौकरी व प्रमोशन देने के नाम पर शारीरिक शोषण की कोशिश करते हैं। तिवारी ने एक महिला एंकर का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि पांडेय ने उससे कहा: “अगर मेरे साथ अच्छे से रहोगी तो प्रमोशन मिलेगा, लेकिन अगर मना करोगी तो तुम्हारा पूरा करियर खत्म कर दूँगा।” तिवारी ने यहाँ तक कहा कि पांडेय ट्रक और ट्रैक्टर चोरी जैसे मामलों में भी शामिल रहा है, और उसे ‘चोर’ करार दिया। तिवारी का दावा है कि उनके पास इन सब आरोपों के पक्के सबूत मौजूद हैं, जिन्हें वे सही समय आने पर सबके सामने लाएंगे।
रामानंद पांडेय का तीखा पलटवार
इधर, रामानंद पांडेय ने भी चुप्पी नहीं साधी। उन्होंने राजीव तिवारी पर भी उतने ही संगीन आरोप लगा दिए। पांडेय का कहना है कि राजीव तिवारी खुद लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं, दलाली और पैसों के खेल में गहराई से लिप्त हैं। पांडेय ने तिवारी को ‘चोरी और अनैतिक कार्यों’ से पहचान बनाने वाला बताया और कहा कि तिवारी दूसरों पर झूठे आरोप लगाकर खुद को बेदाग़ साबित करना चाहते हैं।
पत्रकारिता पर गहरा संकट
यह विवाद अब महज़ दो पत्रकारों की निजी लड़ाई नहीं रही। रीवा की जनता में चर्चा है कि आज पत्रकारिता दलाली, दबाव और राजनीतिक चापलूसी का शिकार हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि:
- क्या पत्रकारिता सच में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है या व्यक्तिगत स्वार्थ और दरिंदगी का अड्डा बन चुकी है?
- जो लोग खुद इतने गंभीर आरोपों में घिरे हैं, वे जनता को निष्पक्ष खबरें देने का दावा कैसे कर सकते हैं?
रीवा की इस जंग ने जनता के भरोसे को तोड़ दिया है। जहाँ एक ओर तिवारी सबूतों के दम पर पांडेय को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं पांडेय का पलटवार भी उतना ही तीखा है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या रीवा की पत्रकारिता अपनी खोई हुई साख बचा पाएगी, या फिर यह आरोप-प्रत्यारोप हमेशा के लिए इस पेशे को अपराध और दलाली की पहचान में बदल देंगे? इन आरोपों की निष्पक्ष जाँच होना बेहद ज़रूरी है ताकि सच सामने आ सके।
रीवा की यह पत्रकारिता की जंग दोनों पक्षों के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इन गंभीर आरोपों की उच्च-स्तरीय और निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

Ankit Mishra MP Jankranti News – डेस्क रिपोर्ट
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