संडीला, हरदोई। हरदोई जिले के संडीला में एक ट्रैफिक जाम की घटना ने राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद को जन्म दे दिया है। आरोप है कि भाजपा विधायक श्रीमती अलका अर्कवंशी की गाड़ी ऑन रोड कॉलेज के बाहर लगभग 30 मिनट तक खड़ी रही, जिससे इलाके में भारी ट्रैफिक जाम लग गया। इस घटना पर स्थानीय निवासी सूरज सिंह सिकरवार ने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की, जिसके बाद कथित तौर पर विधायक के इशारे पर पुलिस ने उन्हें रात में ही थाने बुला लिया।
Highlights
- भाजपा विधायक श्रीमती अलका अर्कवंशी की गाड़ी पर संडीला में 30 मिनट तक सड़क जाम करने का आरोप।
 - स्थानीय निवासी सूरज सिंह सिकरवार ने फेसबुक पर पोस्ट कर जनप्रतिनिधियों से ट्रैफिक जाम न करने की अपील की।
 - कथित तौर पर विधायक के कहने पर संडीला पुलिस ने सूरज सिंह को रात में ही थाने बुलाया।
 - समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने ट्वीट कर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और युवक की तत्काल रिहाई की मांग की।
 - यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
 
संडीला क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या पहले से ही आम है, लेकिन 3 अक्टूबर 2025 को हुई एक घटना ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया। आरोप है कि भाजपा विधायक श्रीमती अलका अर्कवंशी की गाड़ी कॉलेज के बाहर सड़क पर खड़ी थी, जिसकी वजह से आधे घंटे तक लोगों को जाम में फँसना पड़ा।
फेसबुक पोस्ट और विवाद की जड़
मोहल्ला सुम्बाबाग संडीला के निवासी सूरज सिंह सिकरवार इस जाम से नाराज़ थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी और एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “अगर जनता को राहत नहीं दे सकते तो जनता को ट्रैफिक में भी नहीं फंसाना चाहिए। सभी जनप्रतिनिधियों से निवेदन है कि अपनी गाड़ी बीच रास्ते पर खड़ी करके जनता को परेशान न करें।”
सूरज सिंह का मकसद जागरूकता फैलाना था। लेकिन इसके तुरंत बाद, कथित तौर पर विधायक के इशारे पर संडीला पुलिस ने देर रात उन्हें थाने बुला लिया। इस कार्रवाई ने पूरे सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया।
समाजवादी पार्टी ने उठाए सवाल
इस मामले को समाजवादी पार्टी ने ज़ोरदार तरीके से उठाया है। समाजवादी पार्टी के हरदोई जिलाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता जितेंद्र वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर ट्वीट करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, “पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है या विधायक की चाटुकारिता करने के लिए है? संडीला पुलिस तत्काल सूरज सिंह नाम के युवक को थाने से रिहा करे।” जितेंद्र वर्मा ने उत्तर प्रदेश पुलिस और मुख्यमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल
यह मामला अब महज़ ट्रैफिक जाम का नहीं रहा, बल्कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रशासनिक दबाव का बन गया है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने कहा है कि अगर जनता अपनी परेशानी भी नहीं बता सकती, तो लोकतंत्र का क्या मतलब है।
फिलहाल, इस विशिष्ट घटना पर आधिकारिक पुलिस या विधायक कार्यालय की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन संडीला पुलिस द्वारा रात में युवक को थाने बुलाने की कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहाँ जनता की परेशानी और अभिव्यक्ति की आजादी के बीच संतुलन की सख्त जरूरत है।
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