संविदा कर्मचारियों के लिए आयी खुशखबरी, हाई कोर्ट के आदेश से हो जायेगे परमानेंट

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Latest Update On Regularization: राज्य में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रयासों के बीच, लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 2003 की नीति के अनुसार लाखों अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हरियाणा के कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

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हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

दरअसल, हरियाणा के लाखों अनियमित कर्मचारियों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 2003 की नीति का हवाला देते हुए एक याचिका दायर कर अपने नियमितीकरण की मांग की थी। ओम प्रकाश सहित यमुनानगर के निवासियों ने याचिका में कहा कि वे राज्य में दो दशक से अधिक समय से सेवा कर रहे हैं, फिर भी 2003 में शुरू की गई नीति के बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया गया और न ही उन्हें कोई लाभ मिला, जबकि अन्य को नियमित कर दिया गया।

वे 1 अक्टूबर 2003 को जारी नीति के तहत अपनी सेवाओं के नियमितीकरण के हकदार थे। सभी पक्षों को सुनने के बाद, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस हर्षिरमन सिंह सेठी ने कहा कि वे 2003 में ओम प्रकाश चौटाला सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई नीति के तहत नियमितीकरण के पात्र हैं। यदि राज्य सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई नीति जारी की है, तो उसे भेदभाव के बिना प्रत्येक कर्मचारी पर लागू किया जाना चाहिए।

जल्द मिलेगा वित्तीय लाभ

याचिका दायर करने के दिन से वित्तीय लाभ पूर्वव्यापी होंगे। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को उनके जूनियर के नियमितीकरण की तिथि से नियमित किया जाए। वित्तीय लाभ केवल उसी दिन से मिलेंगे जिस दिन हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। यदि राज्य सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों को उसी पद पर अपनी सेवा जारी रखने की अनुमति दी है, जिस पर उन्हें शुरू में नियुक्त किया गया था, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि संबंधित पद के लिए कोई नियमितीकरण नहीं है।

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