शहडोल, 21 सितंबर 2025 (बीके तिवारी)। मध्य प्रदेश के शहडोल में आदिवासी पनिका समाज विकास संगठन, रीवा/शहडोल संभाग के तत्वावधान में अमर शहीद दयाल पनिका का 21 जुलाई 2025 को ‘यस पैलेस’ सभागार में शहादत दिवस मनाया गया। इस मौके पर समाज के गणमान्य नागरिकों और पदाधिकारियों ने अमर शहीद की प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और ‘भारत देश तुझे सलाम’ जैसे नारों के साथ हुई, जिससे सभागार देशभक्ति से गूंज उठा। मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि, सभा अध्यक्ष, और विशिष्ट अतिथियों का समाज के लोगों ने खड़े होकर स्वागत किया।
महान स्वतंत्रता सेनानी का संक्षिप्त परिचय वक्ताओं ने अमर शहीद दयाल पनिका के जीवन पर प्रकाश डाला। मध्य प्रदेश में जन्मे दयाल पनिका असम में काम करने के लिए गए थे। 20 सितंबर 1942 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान, वह ढेकियाजुली थाना पर तिरंगा फहराने के लिए निकले एक जुलूस में शामिल थे। पुलिस ने जुलूस पर अचानक लाठीचार्ज और गोलीबारी की, जिसमें कई लोग शहीद हुए। उन्हीं शहीदों में दयाल पनिका भी शामिल थे। उनकी बहादुरी और बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम में एक अमूल्य योगदान दिया था।
समाज के उत्थान पर चर्चा कार्यक्रम में समाज के कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। जिला अध्यक्ष शहडोल बी. डी. मौर्य ने कहा कि समाज को अपने इतिहास को जानना और समझना बेहद ज़रूरी है। मऊगंज के जिला अध्यक्ष श्यामलाल मोंगरे ने कहा कि शैक्षिक जागरूकता से ही दबे हुए इतिहास को फिर से सामने लाया जा सकता है। अधिवक्ता हीरालाल मौर्य ने सामाजिक एकता पर जोर दिया और कहा कि महान पुरुषों के आदर्शों पर चलना देशभक्ति से कम नहीं है।
संभागीय अध्यक्ष लालता राम सोनवानी ने युवा पीढ़ी से संगठन और शहीदों की जीवनी का अध्ययन करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समाज को ‘शहादत पखवाड़ा’ का आयोजन अपने-अपने गांवों और शहरों में सुनिश्चित करना चाहिए।
गरीब परिवारों के लिए नई पहल कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण सामाजिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। श्री रामप्रसाद पड़वार ने यह प्रस्ताव रखा कि समाज में किसी गरीब या निर्धन परिवार में किसी मुखिया की आकस्मिक मृत्यु होने पर, दशगात्र कार्यक्रम में समाज के लोग मिलकर आर्थिक सहायता प्रदान करें। यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया गया और इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया।
कार्यक्रम का संचालन बी. डी. मौर्य, दिनेश टंडिया (सरपंच चुहरी) और राम सुनील पनिका ने किया। अंत में, सभी ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद दयाल पनिका को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान संगठन का कैलेंडर और सामाजिक संविधान पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। यह कार्यक्रम पनिका समाज में एकता, जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करने वाला रहा।
रिपोर्ट: बीके तिवारी, शहडोल 📞 8839159384
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