निर्वाचन आयोग ने डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या के समाधान के लिए उठाया बड़ा कदम, अगले 3 महीनों में हल का दावा
नई दिल्ली, 7 मार्च 2025: भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने दशकों से चली आ रही डुप्लिकेट EPIC (मतदाता पहचान पत्र) नंबर की समस्या के समाधान के लिए बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने घोषणा की है कि अगले तीन महीनों के भीतर इस समस्या का समाधान किया जाएगा, जिससे मौजूदा और भविष्य के सभी मतदाताओं को एक विशिष्ट राष्ट्रीय EPIC नंबर (Unique National EPIC Number) मिलेगा।
डुप्लिकेट EPIC नंबर का मामला क्या है?
भारत के निर्वाचन रोल्स (Electoral Rolls) दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता डेटाबेस है, जिसमें 99 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में गलत सीरीज के कारण डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या सामने आई है।
आयोग ने स्वीकार किया है कि यह समस्या वर्ष 2000 से ही मौजूद है, क्योंकि कुछ निर्वाचन अधिकारियों (ERO) द्वारा गलत अल्फ़ान्यूमेरिक सीरीज का उपयोग किया गया था। इससे एक ही EPIC नंबर दो अलग-अलग मतदाताओं को जारी किए गए।
हालांकि, आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि EPIC नंबर की डुप्लिकेट स्थिति के बावजूद, किसी भी मतदाता को उनके पंजीकृत मतदान केंद्र पर वोट डालने का अधिकार मिलेगा।
अब सवाल यह है:
- निर्वाचन आयोग की निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के लिए पुस्तिका में स्पष्ट दिशा-निर्देश होने के बावजूद कथित तौर पर “गलत सीरीज” का इस्तेमाल कैसे किया गया?
➡️ उस सॉफ्टवेयर का क्या हुआ जो इसे पकड़ने वाला था? - अगर निर्वाचन आयोग कहता है कि यह 2000 से हो रहा है, तो 25 साल तक कुछ क्यों नहीं किया गया???
- ईसीआई ने अभी तक यह क्यों नहीं बताया है कि वर्तमान में कितने डुप्लिकेट ईपीआईसी मौजूद हैं?
➡️ यह एक सप्ताह में दूसरा ऐसा धोखा है जिसे ईसीआई द्वारा “स्पष्टीकरण” के रूप में पेश किया जा रहा है। - ईसीआई क्या छिपा रहा है और वे किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं?
- यह एक घोटाला है और इसका जवाब दिया जाना चाहिए।
डुप्लिकेट EPIC नंबर के समाधान के लिए आयोग की योजना
आयोग ने तकनीकी टीमों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ विस्तृत चर्चा के बाद अगले 3 महीनों के भीतर इस समस्या के समाधान का निर्णय लिया है।
👉 आयोग प्रत्येक मौजूदा मतदाता को एक विशिष्ट राष्ट्रीय EPIC नंबर (Unique National EPIC Number) प्रदान करेगा।
👉 भविष्य के सभी नए मतदाताओं को भी एक विशेष और अद्वितीय EPIC नंबर दिया जाएगा ताकि भविष्य में इस समस्या से बचा जा सके।

डुप्लिकेट EPIC नंबर की पहचान और समाधान की प्रक्रिया:
- प्रत्येक बूथ पर एक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) की नियुक्ति की जाती है।
- राजनीतिक दलों को भी अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने का अधिकार है।
- सभी बीएलए को मतदाता सूची की जांच करने और किसी भी विसंगति पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार है।
- घर-घर जाकर सत्यापन के बाद BLO सिफारिशें संबंधित ERO को सौंपते हैं।
- सभी आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाती है।
- मतदाता सूची ऑनलाइन पोर्टल (https://voters.eci.gov.in/download-eroll) पर भी उपलब्ध कराई जाती है।
आपत्ति समाधान की प्रक्रिया:
- यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति है तो वह जिला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के पास आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24(क) के तहत अपील दायर कर सकता है।
- यदि व्यक्ति निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दूसरी अपील दायर कर सकता है।
चुनाव आयोग का दावा – 3 महीने में हल होगा मामला
आयोग का कहना है कि अगले तीन महीनों में सभी मौजूदा डुप्लिकेट EPIC नंबर हटाए जाएंगे और सभी मतदाताओं को एक अद्वितीय राष्ट्रीय EPIC नंबर प्रदान किया जाएगा। इस पहल से भविष्य में मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी त्रुटियों को रोका जा सकेगा।
चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल!
👉 निर्वाचन आयोग ने आखिर अब तक इस मुद्दे पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
👉 क्या इसमें कोई आंतरिक गड़बड़ी है, जिसे जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा था?
👉 क्या आयोग इस देरी के लिए किसी को जवाबदेह ठहराएगा?
क्या यह घोटाला है?
डुप्लिकेट EPIC नंबर का मामला न केवल एक तकनीकी समस्या है, बल्कि इससे मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं। आयोग को इस पर पूरी पारदर्शिता के साथ रिपोर्ट जारी करनी चाहिए और जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और लोकतंत्र की साख का सवाल है। निर्वाचन आयोग को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण देना होगा।
(Tags: Election Commission of India, Duplicate EPIC Number, Voter ID, Electoral Roll Update, Booth Level Officer, BLO, BLA, ERO)