नई दिल्ली/भोपाल। गृहयुद्ध की मार झेल रहे अफ्रीकी देश सूडान पर एक और प्राकृतिक आपदा का कहर टूटा है। पश्चिमी सूडान के मार्रा पर्वतीय क्षेत्र में हुए एक बड़े भूस्खलन ने एक गाँव को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जिसमें 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस त्रासदी ने उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया, जो गृहयुद्ध से बचने के लिए इन पहाड़ी इलाकों में शरण लेने आए थे। इस भयानक घटना की जानकारी विद्रोही सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) ने दी है। यह भूस्खलन 31 अगस्त को पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण हुआ।
क्यों और कैसे हुआ यह भयानक भूस्खलन?
पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी सूडान के मार्रा पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने मिट्टी को कमजोर कर दिया था। 31 अगस्त को भूस्खलन (Sudan Landslide) इतना भीषण था कि पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर एक गाँव पर गिर गया। सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) ने बताया कि यह हादसा इतना बड़ा था कि गाँव का केवल एक व्यक्ति ही इस आपदा में बच पाया। मरने वालों में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं।
गृहयुद्ध के बीच आपदा का दोहरा कहर
सूडान में पिछले कई महीनों से सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच भीषण गृहयुद्ध चल रहा है। लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। इसी वजह से, उत्तरी दारफुर के कई लोग मार्रा पर्वतीय क्षेत्रों में शरणार्थी के तौर पर चले गए थे। दुर्भाग्यवश, जिस जगह उन्होंने जान बचाने के लिए पनाह ली थी, वही जगह उनके लिए कब्रगाह बन गई।
विद्रोही समूह के नेता अब्देलवाहिद मोहम्मद नूर की टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि पश्चिमी दारफुर का यह गाँव पूरी तरह से तबाह हो चुका है।
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अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील
इस भयावह त्रासदी के बाद, सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से अपील की है कि वे भूस्खलन में फंसे शवों को निकालने और पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएँ। हालाँकि, गृहयुद्ध के कारण बचाव कार्य में काफी चुनौतियाँ आ सकती हैं।
यह घटना दर्शाती है कि सूडान में स्थिति कितनी गंभीर है, जहाँ लोग प्राकृतिक आपदाओं और गृहयुद्ध दोनों से जूझ रहे हैं। भोपाल और इंदौर में रह रहे सूडानी समुदाय के लोग भी इस खबर से चिंतित हैं और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
M Venkat T Reddy, News Editor, MP Janakranti News

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