ताल (रतलाम)। ताल तहसील को विकासखंड का दर्जा देने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। मैंने देखा है कि इस इलाके के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं, पर अब यह मुद्दा और गर्म हो गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने एक शांतिपूर्ण मौन जुलूस निकाला। यह जुलूस पुराना हॉस्पिटल रोड स्थित सब्जी नीलाम मंडी प्रांगण से शुरू होकर थाने तक गया। वहां उन्होंने तहसीलदार निर्भयसिंह पटेल को महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह कदम इस बात को दिखाता है कि जनता अब अपने क्षेत्र के विकास के लिए कितनी गंभीर है।
Quick Highlights
- ताल तहसील को विकासखंड का दर्जा देने की मांग को लेकर मुस्लिम समाज ने शुक्रवार को मौन जुलूस निकाला।
- यह जुलूस सब्जी नीलाम मंडी से शुरू होकर थाने पहुंचा, जहां तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
- ज्ञापन में बताया गया कि विकासखंड का दर्जा मिलने से क्षेत्र में विकास कार्यों की गति बढ़ेगी।
- प्रशासनिक कार्यों में सरलता आएगी और सरकारी योजनाओं का वितरण समान रूप से हो सकेगा।
- समाजजनों का कहना है कि ताल की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और विकास की संभावनाओं को देखते हुए यह दर्जा जरूरी है।
ताल क्षेत्र में विकास की धीमी गति को लेकर लोगों में हमेशा से ही एक तरह की बेचैनी रही है। ताल तहसील को विकासखंड का दर्जा देने की मांग खुलकर सामने आ गई है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद, मुस्लिम समाज के कई लोग, जिनमें बुजुर्ग और युवा दोनों शामिल थे, पुरानी हॉस्पिटल रोड पर इकट्ठा हुए। वे सब शांति से खड़े थे, एक मौन जुलूस के लिए तैयार। किसी ने कोई नारा नहीं लगाया, बस शांति से अपनी बात कहने के लिए आगे बढ़े।
यह जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से सब्जी नीलाम मंडी प्रांगण से निकला और धीरे-धीरे थाने की तरफ बढ़ा। वहां पर तहसीलदार निर्भयसिंह पटेल मौजूद थे, जिन्हें महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में साफ-साफ बताया गया था कि अगर ताल तहसील को विकासखंड का दर्जा मिल जाता है, तो इलाके में विकास के काम और तेजी से होंगे। क्या बात है, यह तो बहुत अच्छी बात होगी।

लोगों का मानना है कि विकासखंड का दर्जा मिलने से सिर्फ विकास कार्यों की गति ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि प्रशासनिक कामकाज भी आसान हो जाएगा। अभी होता यह है कि कई बार दूर-दराज के गांवों से लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए बहुत दूर तक जाना पड़ता है। विकासखंड बनने से सरकारी योजनाएं, जैसे कि आवास योजनाएं, किसान सम्मान निधि, या स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बराबर से पहुंचेंगे। एक समाजजन ने बताया कि “इससे छोटे किसानों और गरीब परिवारों को बहुत फायदा मिलेगा, जिन्हें अभी योजनाएं का लाभ लेने में काफी दिक्कत आती है।”
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि ताल क्षेत्र की जनसंख्या काफी बड़ी है और इसकी भौगोलिक स्थिति भी ऐसी है कि इसे एक अलग विकासखंड की जरूरत है। यहां की विकास की संभावनाओं को देखते हुए, यह दर्जा मिलना बहुत जरूरी है। मुझे लगता है, यह मांग पूरी तरह से जायज है।
अब देखना यह है कि यह ज्ञापन और जन-आंदोलन रंग लाता है या नहीं। प्रशासन और सरकार को इस मांग पर गंभीरता से विचार करना होगा, क्योंकि यह सीधे तौर पर जनता की सुविधाओं और क्षेत्र के विकास से जुड़ा मामला है। ताल के लोगों को उम्मीद है कि उनकी यह आवाज राजधानी तक पहुंचेगी और जल्द ही इस पर कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।
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