साल भर होती है इस टमाटर की खास किस्म की खेती, एक बार लगाने पर 10 महीने तक चलती है फसल, उत्पादन भी बम्पर

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Tomato Farming: क्या आप खेती करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं? तो फिर गर्मी के मौसम में आप “पूसा गोल्डन चेरी टमाटर” की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. Climate): पूसा संस्थान द्वारा विकसित यह किस्म अपेक्षाकृत गर्म जलवायु में अच्छी पैदावार देती है. इसकी खेती गर्मी के मौसम में आसानी से की जा सकती है. फलों के विकास और रंग के लिए रात का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस होना उपयुक्त माना जाता है. आइये जानते है इसके बारे में. ..

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पूसा गोल्डन चेरी टमाटर की पैदावार

यह किस्म अधिक पैदावार देने वाली है. एक पौधे से औसतन 9-10 टमाटर के गुच्छे लगते हैं और हर गुच्छे में 25-30 चेरी टमाटर होते हैं. एक चेरी टमाटर का औसत वजन 7 से 8 ग्राम होता है. कुल मिलाकर एक पौधे से लगभग साढ़े तीन से चार किलो तक टमाटर की पैदावार हो सकती है. प्रति हजार वर्ग मीटर में इसकी पैदावार 9-11 टन तक हो सकती है.

फलों का स्वाद और गुण

हर 100 ग्राम ताजा वजन में 13.02 मिलीग्राम कैरोटीन, 0.33 प्रतिशत खटास और 90 प्रतिशत तक मिठास पाई जाती है. साथ ही, 18.3 मिलीग्राम एस्कॉर्बिक एसिड भी पाया जाता है.

खेती की विधि

इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. साथ ही, मिट्टी बलुई-दोमट (sandy loam) होनी चाहिए, जिसमें जल निकास की अच्छी व्यवस्था हो. इसकी रोपाई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. यदि आप पौध तैयार कर रहे हैं, तो जुलाई-अगस्त के महीने में आप इसकी बुवाई ट्रे तैयार कर सकते हैं.

खाद और उर्वरक

आमतौर पर इसकी खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 25-30 टन सड़ी हुई गोबर की खाद की आवश्यकता होती है. इसके अलावा 80 किग्रा. फास्फोरस, 90 किग्रा. पोटाश और 150 किग्रा. नाइट्रोजन की जरूरत होती है. नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा रोपाई के समय और बाकी बची हुई मात्रा पौधे के बढ़ने के 25 दिन बाद देनी चाहिए. सकी खेती में खरपतवार नियंत्रण बहुत जरूरी है.

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पुरे साल की जा सकती है इसकी खेती

पूसा गोल्डन चेरी टमाटर की एक खासियत यह है कि इसकी खेती पूरे साल नियंत्रित वातावरण वाले पॉलीहाउस में भी की जा सकती है. हवादार या कम लागत वाले पॉलीहाउस में इसकी सितंबर महीने में रोपाई की जा सकती है और इसकी फसल मई महीने तक प्राप्त की जा सकती है. रोपाई के 75-80 दिन बाद ही इसकी पहली तुड़ाई हो जाती है. इतना ही नहीं, इसकी फसल भी लंबे समय तक, लगभग 9-10 महीने तक चलती है

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