पहाड़ी इलाको की ये पोषण से भरपूर सब्जिया खाने में है बेहद स्वादिस्ट, विटामिन इतना की फुक देगा बुढ़ापे में जवानी

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पहाड़ों की ताजी हवा और खूबसूरत नजारे तो सभी को आकर्षित करते हैं. वहीं, क्या आप जानते हैं कि पहाड़ों में उगने वाली कुछ खास हरी सब्जियां भी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं होतीं. ये सब्जियां मैदानी इलाकों से तो नहीं आतीं, लेकिन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों में इनकी भरपूर पैदावार होती है.

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सदियों से यहां के लोग इन सब्जियों का सेवन कर स्वस्थ रहते आए हैं. आज हम आपको इन्हीं खास सब्जियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषण से भी भरपूर होती हैं. पहाड़ी इलाको की ये पोषण से भरपूर सब्जिया खाने में है बेहद स्वादिस्ट, विटामिन इतना की फुक देगा बुढ़ापे में जवानी

पहाड़ी इलाको की पोषण से भरपूर सब्जिया

1. लिंगड़ी, कासरोद या फर्न

पहाड़ों की ये सबसे खास सब्जी मानी जाती है. इसे महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. लिंगड़ी या कासरोद की तासीर काफी गर्म होती है. इसलिए ज्यादातर लोग इसका सेवन सर्दियों में ही करते हैं. इसे स्वस्थ बनाने के लिए इसे दही के साथ पकाया जाता है. इस सब्जी में विटामिन ए, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड्स, सोडियम, कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हर उम्र के लोगों को पोषण प्रदान करते हैं.

2. लानकु (जंगली सेब)

हरे सेब जै दिखने वाला लानकु विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है. ये पहाड़ों में काफी पाया जाता है. इसके मूल, फल, बीज और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. ये कॉपर, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन बी5 और मैंगनीज से भरपूर होता है. इसके पत्तों या इसके फलों से बना काढ़ा पेशाब की समस्या और किडनी स्टोन की बीमारी को दूर करने में इस्तेमाल किया जाता है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसके फल से बनी सब्जी का सेवन करना चाहिए. इसके पत्तों से बनी हर्बल चाय पीनी चाहिए. इससे बीपी कंट्रोल में रहता है.

3. चमसूर

चमसूर का इस्तेमाल आप खाने में कई तरह से कर सकते हैं. ये इम्यूनिटी बढ़ाने वाली और महिलाओं से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने वाली चीज मानी जाती है. चमसूर फाइबर, मिनरल्स और विटामिन्स का भंडार है. यही कारण है कि इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. चमसूर गर्म तासीर वाली जड़ी है. इसलिए इसका सेवन सर्दियों में ही करना बेहतर होता है. इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी दूर हो जाती है.

4. पहाड़ी लाई

पहाड़ों के लोग इसे अपने मुख्य आहार में शामिल करते हैं. लाई, लाल सरसों की एक स्थानीय किस्म है. लाई का स्वाद तीखा और नमकीन होता है और इसके पत्तों का रंग लाल होता है. इसमें एक अलग तरह की सरसों के तेल जैसी खुशबू होती है, जो इसे दूसरी सागों से अलग बनाती है. लाई की सब्जी बनाना बहुत ही आसान है. इसे बनाने के लिए बहुत कम चीजों की जरूरत होती है. आपको सिर्फ लाई, सरसों का तेल, सूखी लाल मिर्च, हींग, नमक, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर चाहिए. बस आपको लाई को बारीक काटकर, कढ़ाई में तेल गर्म करना है, फिर मसाले और साग डालकर इसे नरम और क्रिस्पी होने तक पकाना है. इसे आमतौर पर चावल, रोटी या दाल के साथ खाया जाता है.

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