कम कीमत की ये लाल कंधारी गाय कमाई से बना देगी मालामाल, दूध भी साल भर देने में सक्षम
भारत में कई प्रकार की गाय की नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन लाल कंधारी नस्ल की गाय भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखती है। लाल रंग का यह पशु शुभता का प्रतीक माना जाता है। कई स्थानीय त्योहारों में इस गाय को दिखाया जाता है और कुछ क्षेत्रों में इसे शक्ति और सहनशक्ति के प्रतीक के रूप में भी पाला जाता है।
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कम लागत पर अच्छा उत्पादन
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए लाल कंधारी नस्ल की गाय बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। इस नस्ल की गायें कम लागत पर अच्छा दूध उत्पादन करती हैं। इसका नाम ही इसके रंग के आधार पर रखा गया है।
महाराष्ट्र की उत्पत्ति
लाल कंधारी गाय की उत्पत्ति महाराष्ट्र के नांदेड जिले के कंधारी क्षेत्र से बताई जाती है। इस नस्ल की गायों की लंबाई आमतौर पर 128 सेमी होती है। इनका माथा चौड़ा, कान लंबे और मध्यम आकार के घुमावदार सींग होते हैं।
दूध उत्पादन क्षमता
यह नस्ल दूध उत्पादन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। लाल कंधारी गायें एक साल में लगभग 275 दिनों तक दूध देती हैं। प्रतिदिन वे लगभग 1.5 से 4 लीटर दूध देती हैं।
कीमत और लाभ
कंधारी नस्ल की गायों की कीमत भारतीय नस्ल की गायों की तुलना में थोड़ी कम होती है। सिर्फ ₹30,000 में आप इस नस्ल की गाय खरीद सकते हैं जो अच्छा दूध उत्पादन करती है। इस नस्ल की गायों में साल भर लगातार दूध देने की भी क्षमता होती है।
निष्कर्ष
लाल कंधारी गाय भारतीय संस्कृति में शुभ मानी जाती है और दूध उत्पादन के लिए एक लाभदायक विकल्प है। कम लागत पर अच्छा दूध उत्पादन करने की क्षमता के कारण यह नस्ल किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।