मुर्गी पालन करके अच्छी कमाई तो हर कोई करना चाहता है, लेकिन मुर्गी पालन के लिए कौन सी नस्ल चुननी चाहिए, ये बहुत कम लोगों को पता होता है. आज हम आपको वाणराजा मुर्गी की एक ऐसी खास नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पालकर अनुसूचित जाति के किसान बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा रहे हैं और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. पशुपालन वैज्ञानिकों ने मुर्गी पालन के लिए वाणराजा और कड़कनाथ प्रजाति को बहुत अच्छा माना है.
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अंडे और मांस दोनों के लिए बेहतरीन है यह मुर्गी
वाणराजा मुर्गी को पालना अन्य मुर्गियों की तरह ही आसान है. इस नस्ल की मुर्गियां देसी मुर्गियों की तुलना में ज्यादा अंडे देती हैं. साथ ही इनका अंडे देना भी देसी मुर्गियों से दो महीने पहले ही शुरू हो जाता है. एक वाणराजा मुर्गी से साल में करीब 110 से 140 अंडे तक मिल सकते हैं. खास बात ये है कि वाणराजा नस्ल की मुर्गियां बीमारियों की भी जल्दी चपेट में नहीं आती हैं. जहां तक इनके मांस की बात है, तो ये बहुत ही पौष्टिक होता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी रखता है. इससे मांस और अंडों से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. अच्छी बात ये है कि इन मुर्गियों का वजन मात्र 12 हफ्तों में ही 1800 से 2000 ग्राम तक पहुंच जाता है.
वाणराजा मुर्गी पालने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप अंडे उत्पादन के लिए वाणराजा मुर्गी पाल रहे हैं, तो मুরगियों की संख्या ज्यादा रखें और उनके खाने-पीने का अच्छा प्रबंध करें. साथ ही समय-समय पर मुर्गियों के रहने की जगह की मिट्टी बदलते रहें. इससे मुर्गियों में बीमारी फैलने का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, मौसम के हिसाब से फार्म में तापमान का भी ध्यान रखें. अच्छी उपज के लिए प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार दें.