उत्तर प्रदेश सरकार की नंदिनी कृषक समृद्धि योजना: डेयरी किसानों के लिए वरदान (Nandini Krishak Samriddhi Yojana A Boon for UP Dairy Farmers)
भारतीय डेयरी उद्योग लगातार बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, जिन्हें देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण योजना है “नंदिनी कृषक समृद्धि योजना”. ये योजना डेयरी किसानों को सब्सिडी देकर डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है. अगर आप भी डेयरी फार्म शुरू करने की सोच रहे हैं, तो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
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नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के बारे में (About Nandini Krishak Samriddhi Yojana)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई थी. ये योजना “नंद बाबा मिशन” का हिस्सा है और इसका लक्ष्य राज्य में पशुओं की नस्ल में सुधार लाना और दूध उत्पादन बढ़ाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ये योजना साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी जैसी नस्लों को बढ़ावा देती है, जिससे दूध उत्पादन और डेयरी किसानों की आय दोनों में वृद्धि हो सके. इस योजना के क्रियान्वयन की देखरेख डेयरी आयुक्त और मिशन निदेशक करते हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश में प्रति पशु दूध उत्पादन की दर कम है, इस योजना का लक्ष्य همین कमजोरी को दूर करना है.
सब्सिडी और अन्य लाभ (Subsidy and Other Benefits)
इस योजना के तहत सरकार 25 दुधारू गायों वाली डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए लगभग 62.5 लाख रुपये की अनुमानित लागत पर 50% की सब्सिडी देती है. यानी, अधिकतम सब्सिडी राशि 31.25 लाख रुपये प्रति लाभार्थी है. शुरुआत में, इस योजना को राज्य के दस मंडल मुख्यालयों में लागू किया जाएगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक के पास कम से कम 3 साल का पशुपालन का अनुभव होना चाहिए और भूमि से जुड़ी पात्रता शर्तों को पूरा करना चाहिए.
गायों की उपयुक्त नस्लें (Eligible Breeds of Cows)
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लाभार्थियों को गिर, साहीवाल, थारपारकर और गंगातीरी जैसी बेहतर नस्लों की गायों में निवेश करना आवश्यक है. ये नस्लें अपने उच्च दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं. ये योजना खासतौर पर उत्तर प्रदेश के किसानों और डेयरी किसानों के लिए शुरू की गई है. यहां दूध उत्पादन में देश का अग्रणी स्थान होने के बावजूद, उच्च गुणवत्ता वाले दुधारू पशुओं की कमी के कारण प्रति पशु दूध उत्पादन कम रहता है. इस योजना के जरिए सरकार इन बेहतर नस्लों को बढ़ावा देकर इस कमी को दूर करना और राज्य में दूध उत्पादन का स्तर बढ़ाना चाहती है.
योजना के लाभ (Benefits of the Scheme)
योजना तीन चरणों में चलती है और हर चरण में लाभार्थियों को फायदा मिलता है. पहले चरण में डेयरी यूनिट बनाने के लिए 25% सब्सिडी दी जाती है. बाद के चरणों में दुधारू गायों की खरीद, उनके 3 साल के लिए बीमा, परिवहन के लिए 12.5% सब्सिडी और अंतिम चरण में परियोजना लागत की शेष 12.5% सब्सिडी शामिल है.
पात्रता और दस्तावेज (Eligibility and Documents)
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों के पास कम से कम 3 साल का पशुपालन का अनुभव होना चाहिए और गायों की ईयर टैगिंग (Ear Tagging) सुनिश्चित करनी चाहिए. साथ ही, डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए कम से कम 0.5 एकड़ भूमि और हरे चारे के लिए