बकरी पालन करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. आज हम आपको भारत की 5 ऐसी खास बकरी की नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका पालन करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. ये नस्लें उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान तक पाई जाती हैं. इन सब बकरियों के दूध और मांस का स्वाद लाजवाब होता है. कुछ का बाल और चमड़ा भी इस्तेमाल किया जाता है, तो कुछ की दूध उत्पादन के लिए काफी पाला जाता है.
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तो चलिए जानते हैं इन खास बकरी की नस्लों के बारे में:
- सानन (Saanen): दूध उत्पादन के लिए सानन बकरी की नस्ल को बहुत खास माना जाता है. यह बकरी रोजाना लगभग चार लीटर दूध देती है. इसका दूध बहुत स्वादिष्ट और क्रीमी होता है, यही इसकी खासियत है.
- बीटल (Beetal): गोआ से लेकर पंजाब तक पाए जाने वाली बीटल बकरी की नस्ल भी काफी खास है. गोरखपुर के पशु चिकित्सक शिवकुमार वर्मा बताते हैं कि यह बकरी दूध उत्पादन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. इसका वजन 50 से 70 किलो के बीच होता है. यह डेढ़ साल में करीब दो बच्चों को जन्म देती है, जिससे इसकी अच्छी फार्मिंग की जा सकती है.बकरी की ये 5 नस्लो का पालन कर बन सकते सक्सेसफुल बिजनेसमेन
- जमुनापारी (Jamunapari): उत्तर प्रदेश की जमुनापारी बकरी की नस्ल भी दूध और मांस दोनों के लिए पाली जाती है. यह बकरी रोजाना दो से तीन किलो दूध देती है. इसका वजन करीब 70 किलो होता है. इसके दूध की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कम कोलेस्ट्रॉल होता है. सर्दियों के मौसम में यह ज्यादातर चारे पर ही गुजारा कर लेती है.
- जखराना (Jakharana): जखराना बकरी की नस्ल को तीन खासियतों के लिए ज्यादा पाला जाता है. यह बकरी अच्छी दूध और मांस के लिए तो जानी जाती ही है, साथ ही ये ज्यादा बच्चे भी देती है. असली नस्ल की जखराना बकरी की पहचान ये होती है कि ये पूरी तरह से काली और चमकदार होती हैं. इनका मांस लाजवाब होता है. यह रोजाना दो लीटर दूध भी देती है.
- टोटापुरी (Totapuri): राजस्थान राज्य में पाई जाने वाली टोटापुरी बकरी की नस्ल सबसे पुरानी नस्लों में से एक है. यह बकरी भी काफी खास मानी जाती है. इसका मांस और दूध तो लाजवाब होता ही है, साथ ही इसके बाल और चमड़े का भी काफी इस्तेमाल किया जाता है. इन चारों खासियतों के लिए इस बकरी का पालन किया जाता है.