इंदौर, 07 नवंबर 2025 (संवाददाता अंकित मिश्रा ) भारतीय युवा कांग्रेस के संगठन चुनावों के परिणामों ने इंदौर में एक नई राजनीतिक ऊर्जा का संचार किया है। 06 नवंबर 2025 को घोषित इन नतीजों में शहर युवा कांग्रेस अध्यक्ष रमीज़ खान के समर्थकों ने शहर, विधानसभा, ब्लॉक और प्रदेश स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमाया। स्वास्थ्य कारणों से हाल के समय में सार्वजनिक रूप से कम सक्रिय रहने के बावजूद, रमीज़ खान की ज़मीनी पकड़ और नेतृत्व क्षमता युवाओं के बीच अटल साबित हुई। कॉलेज के दिनों से छात्र राजनीति में सक्रिय रमीज़ खान देश में सबसे अधिक वोटों से राष्ट्रीय डेलिगेट चुने जाने का रिकॉर्ड रखते हैं, और उन्होंने एनएसयूआई तथा युवा कांग्रेस में विभिन्न दायित्व निभाते हुए युवाओं को संगठन से जोड़ा है। इस बार उन्होंने खुद चुनाव न लड़ने का फैसला लिया, बल्कि इंदौर शहर और प्रदेश से सैकड़ों युवाओं को आगे बढ़ाकर चुनाव लड़वाया, जो उनकी रणनीति की सफलता का प्रमाण है।
राहुल गांधी का विजन: युवाओं के लिए लोकतांत्रिक राजनीति का द्वार
यह जीत पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा शुरू किए गए संगठनात्मक चुनावों के विजन को आगे बढ़ाने का जीवंत उदाहरण है। 2007-2008 में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई की कमान संभालते हुए राहुल गांधी ने संगठन में आंतरिक लोकतंत्र लाने का बीड़ा उठाया, जिसका उद्देश्य पार्टी के भीतर एक नई युवा लॉबी तैयार करना और ‘चापलूसी’ की राजनीति के बजाय ‘स्वाभिमान’ के साथ उभरने वाले युवाओं के लिए दरवाजे खोलना था। पुरानी व्यवस्था में पद पाने के लिए युवाओं को स्थानीय नेताओं की जी-हुजूरी करनी पड़ती थी—चक्कर काटना, चापलूसी और ‘चाकर’ बनना अनिवार्य था, जिससे संगठन मजबूत होने के बजाय व्यक्तिगत नेता मजबूत होते थे और जमीनी स्तर के सक्षम युवा पदों से वंचित रह जाते थे।
राहुल गांधी ने इस बंद प्रणाली को तोड़कर चुनावी प्रक्रिया लागू की। एनएसयूआई में छात्रों को वोट देकर नेतृत्व चुनने का मौका दिया, फिर इसे युवा कांग्रेस में विस्तारित किया। 2008 से शुरू हुए ‘विस्तार’ कार्यक्रम के तहत खुली सदस्यता शुरू की गई—18-35 वर्ष के किसी भी भारतीय नागरिक को बिना आपराधिक रिकॉर्ड के शामिल होने का अवसर। 2009 में पंजाब में पहला चुनाव हुआ, जहां मतदान बूथ स्तर से शुरू होकर विधानसभा और लोकसभा तक पहुंचा। अधिक वोट वाले अध्यक्ष बनते हैं, उसके बाद उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव—इससे गुटबाजी कम हुई और हर गुट के योग्य लोग पद पा सके। एससी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के लिए आरक्षण ने इसे समावेशी बनाया।
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इंदौर युवा कांग्रेस संगठन चुनाव 2025 – परिणाम सूची (Post-Wise Final Elected Members List)
| क्रमांक | Member ID | नाम | लिंग | वर्ग / श्रेणी | वोट | पद |
|---|---|---|---|---|---|---|
| 1 | MP91201491901 | Amit Patel | M | OBC | 6,286 | President (अध्यक्ष) |
| 2 | MP91201501501 | Hiba Khan | F | General | 1,541 | Vice President (Open) |
| 3 | MP91200561801 | Maruf Khan Pathan | M | Minority | 771 | Vice President (Minority) |
| 4 | MP91201677501 | Rachna Nagwanshi | F | SC | 850 | Vice President (SC) |
| 5 | MP91201600901 | Nitin Kushwah | M | OBC | 79 | Vice President (OBC) |
| 6 | MP91201576001 | Pradeep Tanwar | M | Unreserved | 1,577 | General Secretary (Open) |
| 7 | MP91200091501 | Vaibhav Gajre | M | SC | 1,566 | General Secretary (Open) |
| 8 | MP91201541901 | Prashant Tiwari | M | General | 1,540 | General Secretary (Open) |
| 9 | MP91201690501 | Vedant Dubey | M | General | 1,019 | General Secretary (Open) |
| 10 | MP91201781901 | Yash Mehta | M | General | 1,016 | General Secretary (Open) |
| 11 | MP91201812001 | Mohd. Shubrati | M | OBC | 220 | General Secretary (Open) |
| 12 | MP91201761801 | Yasmin Bi | F | General | 44 | District General Secretary (EC) |
| 13 | MP91201804701 | Sandeep Wankhade | M | SC | 22 | District Secretary (EC) |
| 14 | MP91201512501 | Sayyed Aquib Ali | M | GMinority | 380 | District Secretary (EC) |
इस बदलाव का पुराने नेताओं ने कड़ा विरोध किया। बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वरिष्ठ नेता इसे ‘अनुशासनहीनता’ और ‘गुटबाजी’ का कारण बताकर भिड़े, यहां तक कि बिहार में कार्यकर्ताओं पर पैसे देकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे और तमिलनाडु में मुख्यालय पर हमला हुआ। लेकिन राहुल गांधी का विजन स्पष्ट था: स्वाभिमानी युवा बिना चापलूसी के अपनी ताकत से राजनीति में एंट्री लें, और संगठन मज़बूत बने। रमीज़ खान इसी विजन के सच्चे वारिस हैं, जो इस प्रक्रिया की उपज हैं और इसे आगे ले जा रहे हैं। रमीज़ ख़ान की रणनीति स्पष्ट थी – खुद चुनाव न लड़कर और एक अध्यक्ष बनाने से अच्छा उन्ही वोटो से ज्यादा से ज्यादा नए युवाओं को मौका देना। इस रणनीति का ऐतिहासिक परिणाम रहा।

रमीज़ खान समर्थकों की जीत: पदों पर दबदबा
रमीज़ खान की रणनीति ने विभिन्न स्तरों पर फल दिया, जहां उनके समर्थकों ने महत्वपूर्ण पद हासिल किए:
शहर स्तर पर:
- जिला उपाध्यक्ष: हिबा ख़ान, मारूफ़ पठान (तीन उम्मीदवारों में से दो)।
- जिला महासचिव: वेदांत दुबे, प्रशांत तिवारी, यास्मीन बी।
- जिला सचिव: अक़ीब अली।
विधानसभा स्तर पर:
- विधानसभा 1: सगपाल वाग और शुभम प्रजापति (उपाध्यक्ष)
- विधानसभा 3: फ़रीद (उपाध्यक्ष)
- विधानसभा 4: मो. सकलेन (अध्यक्ष)
- विधानसभा 5: जय यादव (उपाध्यक्ष)
ब्लॉक स्तर पर:
- रेहान अंसारी
- तौहीद खोकर (लक्ष्मण सिंह चौहान ब्लॉक – पलसीकर)
- हबीब नूर (राजमोहोला)
- नदीम पठान (मूसाखेड़ी)
- योगेश बिना (सिमरोल ब्लॉक)
- शाहनवाज़ मंसूरी, नितिन, नीरज चोहान, टोटल 15 -20 ब्लाक अध्यक्ष टीम RK के जीते।
प्रदेश स्तर पर:
- प्रदेश अध्यक्ष यश घनघोरिया और देवेन्द्र सिंह चौहान (दादू) को प्रदेश उपाध्यक्ष पद दिलाने में रमीज़ खान की महत्वपूर्ण भूमिका।
- प्रदेश महासचिव पद के लिए ग्रामीण क्षेत्र से दीपक ठाकुर, अर्जुन, जीतेन्द्र, निलेश आर्य, शहर से जुनैद अली और शांभवी को और प्रदेश में लड़ रहे अपने पुराने साथियों को श्री खान का सक्रिय समर्थन रहा ।
इंदौर की यह सामूहिक जीत, राहुल गांधी के उस दूरदर्शी विजन का सीधा परिणाम है जिसे उन्होंने 2011 में संगठनात्मक चुनावों की शुरुआत करके स्थापित किया था। इसका उद्देश्य पार्टी के भीतर ‘चापलूसी की संस्कृति’ को खत्म करके ‘योग्यता आधारित संस्कृति’ को बढ़ावा देना था।
पुरानी व्यवस्था में युवाओं को पद पाने के लिए वरिष्ठ नेताओं के चक्कर लगाने पड़ते थे, जी-हुजूरी करनी पड़ती थी। नतीजतन, संगठन के बजाय व्यक्ति विशेष मजबूत होते थे और जमीनी स्तर के मेहनती कार्यकर्ता पदों से वंचित रह जाते थे।
राहुल गांधी ने इस व्यवस्था को बदल दिया। NSUI से शुरू होकर युवा कांग्रेस तक, उन्होंने एक खुली, लोकतांत्रिक और मतदान-आधारित प्रक्रिया की नींव रखी। इस नई प्रणाली में:
- सबसे ज्यादा वोट पाने वाला अध्यक्ष बनता है।
- उससे कम वोट पाने वाले क्रमशः उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव जैसे पद पाते हैं।
- इससे गुटबाजी कम हुई और हर गुट के योग्य लोगों को संगठन में प्रतिनिधित्व मिलने लगा।
रमीज़ ख़ान: राहुल के विजन के जीवंत राजदूत
रमीज़ ख़ान इसी लोकतांत्रिक विजन की सबसे सटीक मिसाल हैं। कॉलेज के दिनों से छात्र राजनीति में सक्रिय रमीज़ देश में सबसे ज्यादा वोटों से राष्ट्रीय प्रतिनिधि चुने गए। युवा कांग्रेस में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने लगातार युवाओं को जोड़ा। उनकी वर्तमान सफलता इस बात का प्रमाण है कि राहुल गांधी का विजन अब जमीन पर उतर चुका है और स्थानीय स्तर पर ऐसे नेता तैयार कर रहा है जो जनाधार से सीधे जुड़े हैं। रमीज़ ख़ान जैसे नेता राहुल गांधी के विज़न को ज़मीन पर उतारकर यह संदेश दे रहे हैं कि कांग्रेस का भविष्य युवाओं के हाथ में सुरक्षित है और यह बदलाव पार्टी में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।
कांग्रेस को मिल रही नई मजबूती
ये परिणाम स्पष्ट करते हैं कि संगठनात्मक कार्य, युवाओं से सीधा संवाद और जमीनी संबंध नेतृत्व को सशक्त बनाते हैं। राहुल गांधी के विजन से प्रेरित यह प्रक्रिया गुटबाजी को कम कर सभी को प्रतिनिधित्व देती है, जिससे कांग्रेस अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी बन रही है। इंदौर में रमीज़ खान के नेतृत्व में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और दिशा देखने को मिल रही है, जो न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश की कांग्रेस पार्टी के लिए एक मिसाल है। जब युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर आगे आने का मौका मिलता है, तो संगठन स्वतः मजबूत हो जाता है, और पार्टी का आधार व्यापक होता है। यह बदलाव कांग्रेस को जमीनी स्तर पर पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
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