उच्च पद प्रभार देने में सहायक शिक्षकों के साथ घौर अन्याय

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खंडवा( जन क्रांति न्यूज़) जावेद एलजी: कनिष्ठ प्राथमिक शिक्षकों को दिया उच्च पद प्रभार, वरिष्ठ सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय

            शासन द्वारा उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया में घोर विसंगतियों के चलते वरिष्ठ सहायक शिक्षकों में गहन आक्रोश है। क्योंकि उच्च पद प्रभार की नीति ही भेद-भाव पूर्ण हैं। उल्लेखनीय है कि इस भेद-भाव नीति के चलते ऐसे हजारों शिक्षक है जिनकी सेवा अवधि 25-30 वर्ष होने के बाद भी उन्हें उच्च श्रेणी शिक्षक का पद नहीं दिया गया है। वहीं ऐसे प्राथमिक शिक्षकों को जिनकी सेवा अवधि 12-15 वर्ष की मात्र है उनको उच्च पद का प्रभार दिया जाना वरिष्ठ शिक्षकों के साथ घौर अन्याय है। अभी जिले में हुईं काउंसिलिंग में दिनांक 24/12/1988 के बाद के सहायक शिक्षकों को उच्च पद प्रभार से वंचित कर दिया गया है। जबकि प्राथमिक शिक्षकों को दिनांक 13/08/1998 वालों तक को उच्च पद का प्रभार देकर। वरिष्ठ योग्यता धारी शिक्षकों के साथ अन्याय किया है।जो कि नैसर्गिक न्याय सिध्दांत के भी विपरित है। इस भेद-भाव पूर्ण नीति के खिलाफ शिक्षकों ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल तथा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इंदौर संभाग के नाम ज्ञापन जिला शिक्षा अधिकारी पी एस सोलंकी को सौंप कर मांग की गई है प्राथमिक शिक्षकों की हुईं काउंसिलिंग को तत्काल रद्द कर। सबसे पहले वरिष्ठ सहायक शिक्षक जो कि सन् 1989 से सन् 1997 तक नियुक्त समस्त शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार दिया जावे। इसके पश्चात शेष रिक्त पदों पर प्राथमिक शिक्षकों को उच्च पद प्रभार दिया जावे। यदि सहायक शिक्षकों की न्यायोचित मांगों को शासन नहीं मानता है तो हमें मजबूरन न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी।

            ज्ञापन सौंपते समय शिक्षक कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान,अजाक्स जिलाध्यक्ष प्रेमलाल कोठारे, शिक्षक संघ ब्लाक अध्यक्ष राजेश पाराशर,सुभाष नागपुरे,रियाज खान, जयकिशन जाधव, सत्यनारायण राठौर, फूलचंद गंगराड़े, मनोहर मंडलोई,।   सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

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