उर्स मुबारक उर्स-ए-अजीजी
क़तर-ए-दिल को अज़िज़े मार्फ़त की मौज आये
साफ सीना कुल्ज़ में जोको हकीकत हो मेरा
आप सब साहेब राज़ी रहे खुदा राज़ी रहे
दुआ आपकी रदियल्लाह अंकुम दाइमा
खलीफ-ए-सरकार हजरत सईदुद्दीन अहमद गवालयरी हजरत अब्दुल अजीज अहमद चिश्ती क़ादरी निज़ामी गेसुदराजी (चक्की वाले बाबा, पागल हैडसाहब ) का32वाँ सालाना उर्स 17-01-2024 बरोज बुध को मनाया जा रहा है । सन्दल चादर फातेहा ख्वानी के बाद लंगर का एहतमाम भी रहेगा ।” इंशाअल्लाह ”
बात हो रही है अल्लाह के एक वली की तो आपको उनकी एक करामात बताता चलू ।
आपका विसाल 5रज्जब 1413 हिजरी (30दिसम्बर 1992 को अलीराजपुर में हुआ ।
जब आपका विसाल हुआ उस दिन आपकी तदफिन के लिए कब्रिस्तान में जगह देख कर कब्र खुदाई का काम शुरू हुआ लेकिन कब्र खोदने वाले परेशान हो गए जैसे जमीन पर कुदाली मारते वो जमीन से
टकराकर वापस हो जाती लेकिन खुदाई न हो पाती ऐसे ही कोशिश करते करते उन शख्श की चार कुदाली टूट गयी , फिर सैय्यद फरीद मिया दादा और दीगर मोतबर शख्श को बुलवाया गया और तहक़ीक़ की गई तो पता चला कि आपकी वसीयत बोरखड़ स्थित जमील शाह दाता( झाड़ी वाले बाबा ) की जगह पसन्द थी । फौरी तौर पर उस वसीयत पर अमल किया गया । जब बोरखड़ स्थित जगह पर खुदाई शुरू हुई तो कुदाली की जगह फावड़ों से कब्र तैयार हो गयी। ये हाल देख आपके चाहने वाले आपके मुरीद रो पड़े। आपको वहां पर दफन किया गया ।जहा अभी हाल में आपका मज़ार है।
अल्लाह के वली सरकार हजरत अब्दुल अज़ीज़ अहमद चिश्ती कादरी निज़ामी हयात रहते हुवे भी दुनिया को फ़ैज़ देते रहे और इस दुनीया से जाने के बाद भी लोगो की खाली झोलियो को भरते रहते है ।
निगाहे वली में बदलते तकदीर देखी है ।
उर्स की तमाम तर तकरीबात में तशरीफ़ लाये और सवाब दारेन हासिल करें।
बमुक़ाम – झाड़ी वाले बाबा बोरखड़ अलीराजपुर मप्र
सज्जादा नशीन – मोइनुद्दीन अहमद चिश्ती क़ादरी निजामी गेसुदराजी
अददायीन- पीरजादा फरीदुद्दीन चिश्ती क़ादरी नीजामी गेसुदराजी
MP क्रांति न्यूज़ जिला ब्यूरो चीफ मुस्तकीम मूवी