दो सिर वाले इस विचित्र लड़के से मां-बाप ने खूब कमाए पैसे, देखने के लेता था पैसे l

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 ‘बंगाल का दो सिरवाला लड़का’ उसके माता-पिता के लिए पैसे कमाने की मशीन की तरह था. उस विचित्र लड़के की स्थिति क्या थी? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है lकि जब तक उसे दिखाने के मोटे पैसे न मिलें, घरवाले उसे किसी के सामने नहीं लाते थे.

दुनिया के प्रत्येक देश में कई चौंकाने वाले किस्से हैं. ऐसा ही एक किस्सा भारत के बंगाल से जुड़ा है. बंगाल में दो सिरों वाले एक लड़के को, जिसमें से एक सिर पूरी तरह से उल्टा था, जन्म के समय आग में डाल दिया गया था, लेकिन वह चमत्कारिक रूप से बच गया. 
उस अनोखे लड़के के विषय में रोचक तथ्य ये है कि जब उस लड़के का जन्म हुआ तो उसने दाई तक को डरा दिया. दाई उस लड़के को देखकर कुछ इस हद तक भयभीत हुई कि उसने उसे आग में फेंक दिया. बताया जाता है कि आग में फेंके जाने के बावजूद लड़के को बस मामूली चोटें ही आईं थीं. 
अंग्रेजी वेबसाइट डेलीस्टार को इस अनोखे लड़के के सन्दर्भ में जो जानकारी हाथ लगी है उसपर यदि यकीन किया जाए तो  उसके दोनों सिर पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से. काम कर रहे थे और प्रत्येक का अपना मस्तिष्क था. ऐसा कहा जाता है कि उस अनोखे लड़के का एक सिर जब सोता था तो उसका दूसरा सिर जागता और रोता था. 
चूंकि लड़के के दो सिर थे इसलिए जब भी उसके सिर में दर्द होता वो उसे दोनों सिरों में अनुभव करता. बताया जाता है कि इस लड़के का एक सिर हल्का होने के साथ साथ बहुत संवेदनशील और खराब दृष्टि का था. 
लड़का, जिसे अधिकांश लोग अनोखा समझते थे, उसका जन्म 1783 में बंगाल स्थित मुंडल गुआट में हुआ था. लड़के के माता-पिता, जल्दी पैसा कमाने का मौका देखकर, उसे अपने साथ कलकत्ता ले गए जहां लोगों ने उस अनोखे तरंगे लड़के को देखने के लिए पैसे तक खर्च किये.  
लड़के के मां बाप किस हद तक लालची थे और कैसे उसका शोषण कर रहे थे? इसे समझने के लिए हम एम्यूज़िंग प्लैनेट की रिपोर्ट को देख सकते हैं. लड़के के माता पिता  ने उसे बंगाल के दो सिरों वाले लड़के का टाइटल दिया था.बताया जाता है कि जब  लड़के को देखने के लिए अपनी जेबें खाली नहीं करती थी उसके माता पिता उसे एक चादर के नीचे छिपाकर रखते थे. जैसे-जैसे समय बीता तब वो अनोखा लड़का पूरे बंगाल में फेमस हो गया. क्योंकि वो विचित्र था इसलिए चाहे वो शहर के रईस हों या फिर सिविल सवाल और अधिकारी उसे  उनके घर प्रदर्शन के लिए ले जाया जाता और उस लड़के के घरवाले इन लोगों से मोटा पैसा वसूलते 
हो सकता है कि इस लड़के की कहानी सुनकर कोई ये मान बैठे कि इस लड़के की जब मौत हुई होगी तो कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रही होंगी. तो ऐसा बिलकुल नहीं है चार की उम्र में इस लड़के को सांप ने काट लिया था और सर्पदंश ही इस व्यक्ति की मौत का कारण बना.  
गौरतलब है कि लड़के की स्थिति को क्रैनियोपैगस पैरासिटिकस के रूप में जाना जाता है, जो प्रत्येक पांच मिलियन बच्चों में से केवल दो को प्रभावित करता है.  बताते चलें कि इस लड़के की खोपड़ी अब लंदन में रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स के हंटरियन संग्रहालय में प्रदर्शित की गई है. 
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