बुरहानपुर में मौजूद है मुगलों के समय का फाइव स्टार होटल! जानें दिलचस्प इतिहास

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बुरहानपुर. बुरहानपुर शहर के बीच स्थित एक खूबसूरत इमारत है. जिसे मुगलों के समय का फाइव स्टार होटल भी कहा जाता है. इस इमारत में AC जैसी ताजी हवा की व्यवस्था थी. इस इमारत में सौ कमरे हुआ करते थे. इसका निर्माण अब्दुल रहीम खानखाना ने करवाया था. उस समय खानखाना सूबा खानदेश के सूबेदार थे. बादशाह जहांगीर के आदेश पर इसका निर्माण हुआ था. यह इमारत उस जमाने में एक पांच सितारे होटल की तरह इस्तेमाल में लाया जाता था



अकबरी सराय का निर्माण मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल में हुआ था। इस ऐतिहासिक इमारत के दरवाजे के ऊपर फारसी भाषा में एक शिलापट्ट जड़ा हुआ है, जिसमें दर्ज है कि इस शाही इमारत का निर्माण लशकर खां की निगरानी में हुआ था। इतिहासकार कमरूद्दीन फलक के अभिलेखों के अनुसार मुगलकाल की इस सराय के कमरों के गुंबद पर हवा के आवागमन के लिये छेद बने हुए हैं। इनमें भूसा भरकर बर्फ रखी जाती थी और उस पर नमक डालते रहते थे। कमरों के अंदर एक हत्था था जिससे ठंडी हवा को बंद-चालू कर सकते थे।

दरअसल बुरहानपुर के मोहल्ला किला अंडा बाजार की ताना गुजरी मस्जिद के उत्तर में स्थित मुगल युग का प्रसिद्ध अकबरी सराय है. जिसे अब्दुल रहीम खानखाना ने 1621वीं बनवाया था. उस समय बादशाह जहांगीर का शासन था. तब इंग्लैंड के बादशाह जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रॉ यहां आए थे। सर टॉमस रॉ इसी सराय में आकर रुके थे. यहां आकर उन्होंने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी को शुरू करने की मांग की थी. उस समय शहजादा परवेज और उसका पिता जहांगीर शाही किले में मौजूद थे

मुगल बादशाहों ने अपने शासनकाल में बुरहानपुर में आज के पांच सितारा होटलों की तरह ही सराय, कोठों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया था। इन इमारतों में जहांगीर के शासन काल में बनी अकबरी सराय सबसे प्रमुख इमारत है। शहर के अंडा बाजार में बनी यह सराय वातानुकूलित थी, जिसमें 110 कमरे थे। इसके मुख्य दरवाजे की ऊंचाई 80 फीट है।

इतिहासकार मोहम्मद नौशाद ने बताया कि मुगलों के समय का अकबरी सराय एक फाइव स्टार होटल हुआ करता था. उस दौर में बिना बिजली का वातानुकूलित सिस्टम हुआ करता था. इस सराय का निर्माण अब्दुल रहीम खाने खाना ने करवाया था. जहांगीर के समय में यह वही सराय है जिसमें ब्रिटिश एंबेस्टर सर टॉमस 15 दिन रुके थे. उसके बाद यहां से दिल्ली गए थे. बुरहानपुर के बीच बनी है इस सराय में यह कपड़ा उद्योग के व्यापारी उस दौर में यहां आकर रुका करते थे. इस अकबरी सराय के बारे में विदेशी पर्यटक भी जानने के लिए आते हैं



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