भोपाल – कांग्रेस ने उठाई जातिगत जनगणना की मांग, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का बयान, मनमोहन सरकार सरकार के समय जातिगत जनगणना का काम किया था सिर्फ रिपोर्ट जारी करना थी लेकिन पिछले 10 साल में सरकार ने कुछ नहीं किया। पिछले 9 साल में मोदी सरकार ने क्या किया वह बताएं। जो हमने किया उस पर भी रोक लगाई, आखिर आँकड़े जारी क्यो नहीं किए जा रहे।
मध्यप्रदेश में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने 2011 में हुई जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने के साथ 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को समाप्त करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी कराई थी। इसके आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। देश में 56 प्रतिशत से अधिक आबादी पिछड़ा वर्ग की है लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
यादव ने मंगलवार को भोपाल में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनता से जुड़े इस मुद्दे को उठाया है। प्रधानमंत्री पिछड़ों की बात तो करते हैं पर वास्तव में किया कुछ भी नहीं है। कांग्रेस के समय जो जातिगत जनगणना कराई गई थी, उसके आंकड़े सार्वजनिक करने पर रोक लगाकर रखी है। अब तक जारी नहीं किए हैं। आखिर इसमें समस्या क्या है। इसे क्यों छुपाया जा रहा है। 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा है। देश में पिछड़ों की आबादी 56 प्रतिशत से अधिक है, इनके लिए सरकार को एजेंड़ा क्या है, वह तो बताया जाए।
वहीं, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि देश में किस वर्ग की कितनी आबादी है, यह जानना हमारा अधिकार है। कांग्रेस ने 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ा वर्ग को दिया लेकिन इसका लाभ किसी को नहीं मिला। मध्य प्रदेश में इस वर्ग से तीन-तीन मुख्यमंत्री बने लेकिन केवल पिछड़ा वर्ग के अधिकार छीनने का काम किया।27 प्रतिशत आरक्षण का मामला कोर्ट-कचहरी में ही उलझा हुआ है। इसके कारण प्रतियोगी परीक्षाएं अटकी हुई हैं।बेरोजगार परेशान हो रहे हैं। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भी आरक्षण को अटकाने का काम भाजपा ने किया और आरोप कांग्रेस पर लगाया जाता है। पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत हो या फिर 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम कांग्रेस सरकार ने किया था।