सरकारी राशि के दुरूपयोग का अनूठा नमूना
सरकारी स्कूल का हाल बेहाल : बच्चों के शिक्षा का मंदिर बना पशु तबेला
*अतिक्रमण की भेट चढ़ रहे शासकीय भवन ज़िम्मेदार मोन*
*मौके पर पहुंचे जनशिक्षक बनाया पंच नामा*
*मनावर जनक्रांति न्यूज़ फिरोज़ ख़ान आरके सिंघाना*
सिंघाना ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर भवनों का निर्माण कराया गया है, मगर बहुत से ऐसे विद्यालय भवन है, जो पशु बांधने व लकड़ी रखने के काम आ रहे हैं। 2017- 18 में विद्यालयों को मर्ज किए जाने के बाद इन भवनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है तथा यह भवन अनुपयोगी साबित हो रहे हैं।
मनावर तहसील के ग्राम सिंघाना के छतरीपुरा प्राथमिक विद्यालय का मामला सामने आया है जहां पर ग्राम सिंघाना के पत्रकारों द्वारा बी आर सी मनावर को शासकीय भवन पर अवैध कब्जे की सूचना दी गई, बि आर सी सर ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए प्रभारी प्राचार्य दिलीप बघेल व जन शिक्षक ओम प्रकाश राठौड़ द्वारा मौके पर पहुच कर पंचनामा बनाया गया । जन शिक्षक ने बताता की उक्त संस्थान को वर्ष 2017 में प्राथमिक विद्यालय सिंघाना में मर्ज किया गया था, शासकीय बिल्डिंग को ताले लगाकर सुरक्षित किया गया था किंतु आज मैको पर यह पाया गया की नारायण पिता मांगीलाल निवासी सिंघाना के द्वारा पीछे से दीवाल तोड़कर पशु चारा व जलाओ लकड़ी रखी गई थी । वह कालू पिता जाम सिंह निवासी छतरीपुरा द्वारा पालतू जानवर बाधे जा रहे थे। दोनों को 2 दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के लिए समय अवधि दी गई है अतिक्रमण न हटने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह हे की स्कूल बीते एक दशक से तबेला बना हुआ है. शिक्षकों की माने तो स्थानीय कुछ लोगों ने स्कूल की जमीन का अतिक्रमण कर रखा है. वे यहां जबरन अपने मवेशियों को बांधते हैं. पहले कम संख्या में मवेशी बांधा करते थे, लेकिन जब इन लोगों पर कोई कार्य वाही नहीं हुई तो धीरे-धीरे स्कूल ही तबेला में तब्दील हो गया है. आखिर सवाल उठता है कि क्या कभी इस और नहीं आते शिक्षा विभाग के अधिकारी या स्कूलो का निरीक्षण नही करते। अगर स्कूल का निरीक्षण करते तो स्कूल का भवन कुछ वर्षों में ये हालत न होती और न ही स्कूल पशुओ का तबेला बना होता।
सरकारी राशि के दुरूपयोग का यह अनूठा नमूना है। भवन भी ग्रामीणों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है। रसोई घर भी बेकार पड़ा हुआ है। ऐसे में जिले मे मर्ज अन्य स्कूल भवनों का क्या हाल होगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। अब देखना ये है की आगे किया कार्यवाही होती है किया भवन का सदुपयग किया जायेगा या कुछ समय बाद फिर से अतिक्रमण की भेट चढ़ेगा…