हमारा शरीर बैठे रहने के लिए नहीं काम करने के लिए बना है जितना अधिक बैठे रहेंगे, शरीर उतना निष्क्रिय होता जाएगा : डॉ प्रियंका तिवारी : Dr. Priyanka Tiwari discussed on Right Lifestyle and Right Posture for Manager

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प्रियंका तिवारी ने राइट लाइफस्टाइल एंड राइट पोस्चर फॉर मैनेजर पर चर्चा की

जनक्रांति न्यूज इंदौर – राइट लाइफस्टाइल एंड राइट पोस्चर फॉर मैनेजमेंट स्टूडेंट्स विषय पर क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा प्रेस्टीज कॉलेज वर्कशॉप का आयोजन हुआ जिसमे फिजियोथैरेपिस्ट एवं लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन एक्सपर्ट प्रियंका तिवारी स्टूडेंट्स और फैकल्टीज से रूबरू हुई। इस खास मौके पर संस्था डायरेक्टर डॉ आईयर एवं प्रो डॉ नितिन गिरधरवाल , प्रो डॉ वंशिका गंगवानी मौजूद थे ।

अस्थिमिया की डायरेक्टर डॉ प्रियंका तिवारी ने बताया शरीर के सही पॉश्चर में न रहने से साइटिका, सर्वाइकल, जोड़ों में दर्द , रिस्ट पेन , लो बैक पेन , ज्यादा बैठने पर दर्द आदि सिंड्रोम जैसी परेशानियां होने लगती हैं इसलिए सही लाइफस्टाइल के साथ सही पॉश्चर जरूरी है एवं एक हेल्दी लाइफस्टाइल वो होती है जिसमें उठने और सोने का समय, खाना खाने का समय, कसरत का समय, स्वस्थ वज़न बनाए रखना और स्ट्रेस से दूर रहना शामिल होता है।

अपनी दिनचर्या ऐसी बनाये जो काम या एक्टिविटी जिस समय करते हो उसी समय करे क्योंकि हमारे दिमाग और बॉडी को आदत होती है जैसे यदि रात 10 बजे बेड पर जाते है या सुबह 8 बजे फिजिकल फिटनेस के लिए जा रहे हो या 2 बजे लंच करते हो तो इसे बदले नही एवं बेहतर लाइफस्टाइल अपनाएं और दिनचर्या बनाएं । 

डॉ तिवारी ने कहा अपनी चिंता को स्वीकारे , असुरक्षित महसूस करने वाले आप अकेले नहीं हैं क्योंकि कई बार मैनेजमेंट की पढ़ाई या करियर में पैनिक माहौल में दुखी होना, डरना, कैरियर ऑप्शन को लेकर कन्फ्यूज होना स्वाभाविक है लेकिन तनाव हावी न होने दें । स्ट्रेस कई चीजों की लत पैदा करती है जिससे काफी गंभीर बीमारियाँ पैदा होती है और लाइफस्टाइल पर सीधा असर डालती है |

20 का उम्र वह समय होता है जब आप युवा और ऊर्जावान होते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, यह वह समय है जब वे दुनिया के सामने उजागर होते हैं और वे सभी पहलुओं से रूबरू होते हैं। इन वर्षों में आप जिस तरह की आदतें बनाते हैं, वही बाद में आपके जीवन के लिए आधार होगा। जितनी जल्दी आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं, उतना ही यह स्वस्थ और अधिक कार्यक्षमता के बनते है। 

याद रखे की हमारा शरीर बैठे रहने के लिए नहीं काम करने के लिए बना है। जितना अधिक बैठे रहेंगे, शरीर उतना निष्क्रिय होता जाएगा। थोड़ी-थोड़ी देर में उठकर चहलकदमी करें। अपनी कुर्सी और डेस्क की ऊंचाई हाथों के समानांतर रखें। टाइपिंग करते वक़्त सुनिश्चित करें हाथ नीचे टिके हुए हों। पैरों को समतल जमीन पर रखें। कुछ देर के लिए कुर्सी पर पद्मासन में बैठे ।

एक स्वस्थ शरीर के लिए सिर्फ बेहतर खानपान ही बेहतर नहीं है, बल्कि बॉडी का सही पॉश्चर भी जरूरी है। जी हां, बॉडी पॉश्चर। आप जब काम कर रहे हैं तब आपकी बॉडी कैसे मूव कर रही है और जब आप काम नहीं कर रहे हैं तब आपकी बॉडी का पॉश्चर कैसा है? इस पर ध्यान देना जरूरी है। आपके उठने का तरीका, बैठने का तरीका, खड़े होने का तरीका…यह सबकुछ आपकी रीढ़ की हड्डी से जुड़ा हुआ है। अगर सही मुद्रा में बैठकर या खड़े होकर काम नहीं करते हैं तो आपको गर्दन, कमर, कंधों में दर्द की समस्या हो जाती है। यही नहीं बॉडी के सही पॉश्चर में न रहने की वजह से आपके जोड़ों से लेकर पाचन तंत्र तक पर असर पड़ता है।

कुछ कॉमन दिनचर्या की गलतियां सुधरे जैसे कंधों को झुकाकर नहीं तनकर खड़े हो , पैर सीधे हों, घुटने मुड़े हुए न हों, सिर, गर्दन, कमर और पैर एक सीध में हों और वज़न दोनों पैरों पर बराबर रहे। ऊंची हील के जूते न पहनें क्योंकि इससे शारीरिक संतुलन बिगड़ता है तथा यह घुटने, एंकल जॉइंट और एड़ी के लिए हानिकारक है। कोई भी सामान उठाने के लिए घुटनों को मोड़कर झुकें। पैरों को सीधा रखकर खड़े हों क्योंकि पैरों को बाहर की तरफ़ निकालकर खड़े होने से घुटनों को क्षति पहुंचती है। 

बॉडी पोस्चर ठीक रखने के लिए कुछ एक्सरसाइज –

प्लैंक – बॉडी पोस्चर को ठीक रखने के लिए प्लैंक एक बेहतर एक्सरसाइज है| यह एक्सरसाइज पेट कमर और कंधों के लिए बहुत अच्छा है।

शोल्डर रोल – आप झुककर बैठते हैं तो आपको भविष्य में पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है इसके लिए आपको सिटिंग पोस्चर सुधारने की आवश्यकता है इसके लिए शोल्डर रोल बेहतर है। सीधे बैठकर कंधों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाने से कंधे मजबूत होते हैं।

बैक एक्सटेंशन – पेट के बल जमीन पर लेट जायें और हथेलियों को जमीन पर रखें। अब पैरों को सीधा रखते हुए पीछे से उठायें उसी प्रकार आगे से भी उठने का प्रयास करें इससे आपकी पीठ मजबूत होगी और आप लम्बे समय तक सीधे खड़े रह पायेंगे।

सीटेड ट्विस्ट – सिटिंग पोस्चर सही करने के लिए यह काफी फायदेमंद है , इसे करने के लिए सीधे बैठकर हाथों को सामने लायें। हथेलियों को आपस में जोड़ें और धीरे-धीरे दायीं और बायीं तरफ घूमें। बीच में आने पर कुछ सेकेण्ड के लिए रुककर ही फिर दूसरी तरफ घूमें।

Dr. Priyanka Tiwari discussed on Right Lifestyle and Right Posture for Manager

Our body is made to work not to sit, the more we sit, the more inactive our body becomes: Dr. Priyanka Tiwari

Jankranti Indore : A workshop on Right Lifestyle and Right Posture for Management Students was organized at a college where Physiotherapist and Lifestyle Modification Expert Priyanka Tiwari interacted with the students and faculties organised by Create Stories Social Welfare Society.

Director of Asthimya Dr. Priyanka Tiwari said that problems like sciatica, cervical, joint pain, wrist pain, low back pain, pain on sitting too much etc are due to not being in the right posture of the body, so correct posture is necessary with the right lifestyle. A lifestyle is one that includes waking up and sleeping on time, eating on time, exercise on time, maintaining a healthy weight and staying away from stress.

Make your routine such that work or activity is done at the same time because our mind and body are used to it, like if we go to bed at 10 o’clock in the night or go for physical fitness at 8 o’clock in the morning or have lunch at 2 o’clock. So don’t change it and adopt a better lifestyle and make a routine.

Dr. Tiwari said, accept your concern, you are not the only one to feel insecure because sometimes it is natural to be sad, scared, confused about career option in management studies or career in a panic environment, but do not let stress dominate. Stress creates addiction to many things, which causes very serious diseases and has a direct impact on lifestyle.

Age of 20s is the time when you are young and energetic. For most people, this is the time when they are exposed to the world in all its aspects. The kind of habits adopted during these years will be the foundation for your life later. The sooner you adopt a healthy lifestyle, the healthier and more efficient it becomes.

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