Amrud Kheti Anudan: हमारा देश कृषि प्रधान देश है और यहाँ बड़े पैमाने पर अमरुद की भी खेती की जाती है. ऐसे में अमरुद की खेती करने की चाह रखने वाले किसानो के लिए खुशखबरी है, बता दे की सरकार की तरफ से अमरूद की खेती करने पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. तो आइये जानते है इसके बारे में..
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इतना अनुदान देंगी सरकार
इस योजना में इस योजना से जुड़ने के लिए सबसे पहले किसानों को उद्यान विभाग में अपना पंजीकरण करना होगा. पंजीकरण के बाद उन्हें अमरूद का बाग भी स्वयं की लागत से तैयार करेंगे. अमरूद की खेती करने पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. एक हेक्टेयर में अमरूद की खेती करने वाले किसान को 38000 का खर्च अमरूद की फसल उगाने में आता है, जिसका 50 प्रतिशत करीब 19 हजार रुपए किसान के खाते में तीन किस्तों के माध्यम से पहुंचाया जाता है. और अनुदान तीन किस्तों में किसानों के खाते में सीधे पहुंचेगा, जो की किसानों की आय दोगुना करने के लिए सरकार की यह योजना वरदान साबित हो सकती है. इस योजना
ऐसे करे आवेदन
किसान उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट या स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। भरे हुए आवेदन पत्र को आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित अधिकारी को जमा करना होगा। आवेदनों का मूल्यांकन करने के बाद, पात्र किसानों को अनुदान राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। उगाई गई फसल का सर्वे कराया जाएगा और लागत का 50 प्रतिशत उसके खाते में भेजा जाएगा.
अमरूद की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां
- अमरूद की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए।
- अमरूद गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से उगता है।
- 25-35 डिग्री सेल्सियस का तापमान अमरूद के पौधे के लिए सबसे अच्छा होता है।
- अमरूद को भरपूर धूप की आवश्यकता होती है।
- पौधों को एक-दूसरे से 8-10 फीट की दूरी पर लगाएं।
- पौधे लगाने से पहले गड्ढे तैयार करें। गड्ढे की गहराई और चौड़ाई लगभग 1 फीट होनी चाहिए।
- अमरूद के पौधे को मानसून के मौसम में लगाना सबसे अच्छा होता है।