Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहना योजना के फॉर्म 5 मार्च से भरे जाएंगे, जानें, किन महिलाओं को मिलेगा लाभ और किन्हें नहीं

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लाड़ली बहना योजना के फॉर्म 5 मार्च से भरे जाएंगे। गांव-गांव शिविर लगाकर फॉर्म भरे जाएंगे। जून महीने से गरीब और निम्न मध्यवर्गीय परिवार की बहनों के खाते में पैसे आना शुरू हो जाएंगे। प्रत्येक महीने की 10 तारीख को पैसे खाते में पहुंच जाएंगे: CM 

लाड़ली बहना योजना क्या है ?

लाड़ली Behna Yojana मध्य प्रदेश की निम्न एवं माध्यम वर्ग की महिलाओ के लिए शुरू की गयी योजना है, इस योजना के माध्यम से प्रतिमाह महिलाओ के खाते में मध्य प्रदेश सरकार 1 हजार जमा करेगी। एक साल में महिलाओ को 12000 हजार रूपये मिलेंगे। परिवार में जितनी भी महिलाएँ है उन सभी को 1-1 हजार रूपये दिए जायेंगे।
कब से शुरू होंगे Ladli बहना Yojana के फॉर्म

मुख्यमंत्री जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की इस Yojana के फार्म 5 मार्च 2023 से भरना शुरू हो जायेंगे। फॉर्म भरने के लिए वार्ड और गाँवो में जगह जगह शिविर लगाकर फॉर्म भरवाये जायेंगे। लाड़ली बहना योजना की पहली क़िस्त 10 जून 2023 को Behno के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी।

इन महिलाओं को नही मिलेगा योजना का लाभ

Ladli Behna Yojana के लिए सरकार द्वारा कुछ पात्रता नियम बनाये गए है अगर उन पात्रता नियमो के भीतर महिलाएं आती है तो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा अन्यता जो महिलाये पात्रता नियमो को पास नहीं कर पाएंगी उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।

  • अगर किसी महिला के परिवार में कोई या महिला स्वयं इनकम टैक्स जमा करते है तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
  • महिलाओ की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होगी।
  • अगर कोई महिला का पति या महिला स्वयं सरकारी संस्था में नौकरी करते है तो वो महिलाएं भी पात्र नहीं होंगी।

जानें, किन महिलाओं को मिलेगा लाभ और किन्हें नहीं
योजना का खाका तैयार करने में जुटे महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों के मुताबिक लाड़ली बहना योजना के लिए पात्र महिलाओं की संख्या सीमित करने के लिए सबसे पहले इन्कम टैक्स भरने वाले परिवार की महिलाओं को इसके दायरे से बाहर रखने पर विचार किया जा रहा है। यानी 18 वर्ष से ज्यादा आयु की कोई ऐसी महिला जो नौकरीपेशा नहीं है लेकिन उसके पिता या पति आयकर दाता हैं तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसी महिलाएं भी योजना के दायरे में नहीं आएंगी जो खुद या जिनके पति किसी सरकारी विभाग में नियमित कर्मचारी हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधियों जैसे पार्षद, विधायक और सांसद के परिवार की महिला को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा योजना की हितग्राही की संख्या सीमित करने के लिए ऐसी महिला को भी योजना से बाहर रखने पर विचार किया जा रहा जो सरकार की किसी योजना के तहत सीधे कोई आर्थिक सहायता या राशि का लाभ ले रहीं हैं।

एक करोड़ महिलाओं के लिए हर साल 12 हजार करोड़ खर्च होंगे

लाड़ली बहन योजना के लिए बजट में अपेक्षित राशि का प्रावधान करना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। यदि सरकार योजना की शुरुआत में एक करोड़ महिलाओं को लाभ के दायरे में लाना चाहती हैं तो उसे हर महीने एक हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इस लिहाज से प्रदेश की एक करोड़ करोड़ महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपए की राशि डालने के लिए उसे महिला बाल विकास विभाग के बजट में हर साल 12 हजार करोड़ रुपए की ज्यादा राशि का प्रावधान करना होगा। पिछले साल महिला-बाल विकास विभाग का बजट पांच हजार करोड़ रुपए था। इस लिहाज से सरकार को नए वित्त वर्ष (2023-24) में विभाग के बजट में दो गुना से ज्यादा राशि का राशि का प्रावधान करना होगा। पिछले साल सरकार का बजट 2.71 लाख करोड़ रुपए का था। विभाग के सूत्रों का कहना है कि बजट में योजना के लिए 12 हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाने में कोई ज्यादा कठिनाई नहीं आएगी। बता दें कि अभी सरकार पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। उसने हाल ही में 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और लिया है।

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