उज्जैन। महाशिवरात्रि और मकर संक्रांति पर्व के पूर्व शिप्रा नदी में नर्मदा का जल छोड़ा गया था और पूर्व से जमे पानी को बहा दिया गया था। इससे साफ-स्वच्छ जल में हजारों श्रद्धालुओं ने पर्व स्नान किया था।
पर्व समापन के बाद एक बार फिर कान्ह नदी का प्रदूषित जल शिप्रा में मिल रहा है। इससे शिप्रा का पानी काला हो गया है और इससे दुर्गंध भी आ रही है। नदी की सफाई भी नहीं की गई है जिससे कचरा भी जगह-जगह नजर आ रहा है। इधर रामघाट, दत्त अखाड़ा सहित अन्य घाटों पर भी सफाई नहीं होने से कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
श्रद्धालुओं को इसी दुर्गंध वाले काले पानी में स्नान करना पड़ रहा है। कुछ समय पूर्व इसी तरह की स्थिति में बड़ी संख्या में मछलियां मर गई थी। क्योंकि सफाई नहीं होने से पानी में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। यदि सफाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में फिर ऐसी ही स्थिति बन सकती हैं। यहां लगे फव्वारे भी बंद पड़े हैं।