Dhan Best Variety: धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. ज्यादातर किसान इस उम्मीद में धान की खेती करते हैं कि उन्हें दूसरी फसलों के मुकाबले बेहतर पैदावार और ज्यादा मुनाफा होगा. मई के आखिरी हफ्ते तक, कई राज्यों के किसान धान की नर्सरी तैयार करना शुरू कर देते हैं. ऐसे में किसान ऐसी किस्मों की खेती करना चाहते हैं जो जल्दी पक जाएं और अच्छी पैदावार दें.
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अगर आप भी धान की खेती करना चाहते हैं, तो हम आपको 5 ऐसी किस्मों के बारे में बता रहे हैं जो आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं. इन किस्मों की खेती कम लागत में की जा सकती है और साथ ही अच्छी पैदावार भी होती है. इतना ही नहीं, ये किस्में अपने सुगंध के लिए भी मशहूर हैं. आइए जानते हैं इन 5 किस्मों की खासियतें.
5 खुशबूदार और कम लागत वाली धान की किस्में (5 Fragrant and Low-Cost Paddy Varieties)
- कस्तुरी (Kasturi): कस्तूरी राइस छोटे दाने वाली किस्म है, जो अपने मीठे स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर है. लंबे दाने वाले इस चावल की हल्की, नटी खुशबू इसे पारंपरिक बासमती जैसा स्वाद देती है, जिसकी काफी सराहना की जाती है. इसकी खेती पूरे देश में होती है और ये 115 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी खासियत है कि ये झोंका रोग (blight disease) के प्रतिरोधक है और इसकी पैदावार क्षमता 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
- सुगंधा (Sugandha): ये किस्म अपनी खुशबू के लिए प्रसिद्ध है और इसका इस्तेमाल खासतौर से मसाला खिचड़ी में किया जाता है. इसकी खेती सबसे ज्यादा बिहार में होती है. ये किस्म 140 से 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और ये भी झोंका रोग प्रतिरोधी है. इसकी पैदावार क्षमता भी 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
- तारोरी बासमती (Tarori Basmati): मीठे स्वाद और खुशबू के लिए जानी जाती है. इसके दाने लंबे और पतले होते हैं. इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा हरियाणा में होती है और ये 135 से 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी पैदावार क्षमता 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
- बासमती 385 (Basmati 385): ये किस्म अपने लंबे दाने और खुशबू के लिए मशहूर है. इसकी खेती सबसे ज्यादा पंजाब में होती है. ये 130 से 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार क्षमता 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
- बासमती 370 (Basmati 370): बासमती चावल की ये किस्म भारत को बासमती का सबसे बड़ा निर्यातक बनाने में अहम भूमिका निभाती है. इसका सबसे ज्यादा निर्यात किया जाता है. इस किस्म की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में होती है. ये 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार क्षमता 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
इन किस्मों को चुनकर आप कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन ये ध्यान रखें कि बीज की दुकान से अच्छी क्वालिटी का बीज ही खरीदें.