भारत में खेती के साथ-साथ किसान मुर्गीपालन भी करते हैं. खेती के साथ मुर्गीपालन और पशुपालन करने से किसानों की आमदनी बढ़ती है. देश के कई राज्यों में सरकार मुर्गीपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी भी देती है. भारत में लोगों को चिकन और अंडे खाना काफी पसंद है. जिस वजह से मुर्गीपालन का बिजनेस तेजी से फल-फूल रहा है. मुर्गीपालन करने के लिए बहुत ज्यादा लागत लगाने की जरूरत नहीं होती है. खास बात ये है कि अगर किसान किसी खास नस्ल की मुर्गियों को पालते हैं तो साल भर में सिर्फ 5 से 10 मुर्गियों से भी लाखों रुपये कमा सकते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक उन्नत नस्ल की मुर्गी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे पालकर आप कम लागत में बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
यह भी पढ़े- Creta का बोलबाला खत्म कर देंगी Hyundai की दमदार कार, धमाकेदार फीचर्स के साथ फीचर्स भी होंगे शानदार
Table of Contents
काले रंग का ये खास मुर्गा
ये खास मुर्गी की नस्ल अपने बेहतरीन मांस और गुणकारी अंडों के लिए जानी जाती है. यही वजह है कि बाजारों में इसकी काफी डिमांड रहती है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं कड़कनाथ मुर्गे की. इस मुर्गे का रंग, मांस, खून और हड्डियां सब कुछ काला होता है. इस वजह से इसे काली मसी भी कहा जाता है. इसे पालने के लिए आपको किसी खास संसाधन की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि इसे भी सामान्य मुर्गियों की तरह ही पाला जाता है. तो चलिए जानते हैं पशुपालन विशेषज्ञों से इसे पालने के तरीके और इसकी खासियत क्या है?
दूसरी मुर्गियों से अलग है कड़कनाथ
रायबरेली के शिवगढ़ सरकारी पशु चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा का कहना है कि मुर्गीपालन करने वाले किसान कड़कनाथ मुर्गा पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ये मुर्गों की एक खास नस्ल है. जो अपने कई खास गुणों के लिए जानी जाती है. ये जितना बाहर से काला होता है, उतना ही अंदर से भी काला होता है. जो दूसरी मुर्गियों से बिल्कुल अलग है. इसकी चमड़ी से लेकर हड्डियों तक सब कुछ काला होता है. इसका मांस बहुत गुणकारी और औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जिस वजह से बाजारों में इसकी डिमांड ज्यादा रहती है.
50 रुपए तक बिकता है एक अंडा
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गा पहले मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाता था, लेकिन अब देश के अलग-अलग हिस्सों में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर किसान इसका पालन कर रहे हैं. इसकी 3 प्रजातियां होती हैं, जेड ब्लैक, पासिल्ड और गोल्डन ब्लैक. इसके एक अंडे की कीमत 40 से 50 रुपए तक लग जाती है, वहीं इसके चूजे की कीमत 1500 से 2000 रुपए तक होती है. डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि एक चूजे को पूरी तरह से तैयार होने में 4 से 5 महीने का समय लग जाता है. कोई भी किसान जो इसे पालना चाहता है, वो घर के पीछे भी इसकी पालन कर सकता है.